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Try these 5 Ayurvedic drinks: आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में शरीर को गर्म और रोगों से सुरक्षित रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है, दिन की शुरुआत सही पेय (ड्रिंक्स) से करना. सुबह के समय यदि हम कुछ खास जड़ी-बूटियों से युक्त पेय पीते हैं, तो यह केवल एक दैनिक आदत नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली औषधीय उपचार बन जाता है.

सर्दी का मौसम आते ही शरीर को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, ताकि वह बाहर की ठंड और अंदरूनी बीमारियों से लड़ सके. आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में शरीर को गर्म और रोगों से सुरक्षित रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है, दिन की शुरुआत सही पेय (ड्रिंक्स) से करना. सुबह के समय यदि हम कुछ खास जड़ी-बूटियों से युक्त पेय पीते हैं, तो यह केवल एक दैनिक आदत नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली औषधीय उपचार बन जाता है.

ये गर्म पेय ना केवल शरीर को तुरंत ऊर्जावान बनाते हैं, बल्कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी कई गुना बढ़ा देते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 बेहतरीन ड्रिंक्स, जो सर्दियों में आपको फिट और हेल्दी रखेंगे. हल्दी वाला दूध, जिसे आजकल पश्चिमी देशों में भी ‘गोल्डन मिल्क’ के नाम से जाना जाता है, सर्दियों का सबसे शक्तिशाली पेय है.

हल्दी में पाया जाने वाला जादुई तत्व करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजनरोधी) और एंटीऑक्सीडेंट एजेंट है. यह शरीर की सूजन को कम करता है, जिससे सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है. यह सर्दी-जुकाम और गले की खराश से तुरंत आराम दिलाता है. गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर सुबह पीने से दिनभर ऊर्जा बनी रहती है और पाचन क्रिया भी सुधरती है.

सर्दियों में अदरक वाली चाय की चुस्की लेना किसे पसंद नहीं है? लेकिन, यह केवल स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है. अदरक में मौजूद जिंजरोल (Gingerol) नामक सक्रिय यौगिक शरीर को अंदर से गर्म रखता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है. यह चाय गले की खराश, कफ, जुकाम और अपच जैसी सामान्य समस्याओं में तुरंत राहत देती है. इतना ही नहीं यह प्राकृतिक रूप से तनाव को कम करने और माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी सहायक मानी जाती है.

तुलसी का काढ़ा, जो सदियों से हमारी दादी-नानी के घरेलू नुस्खों में प्रमुख रहा है, आयुर्वेद में ‘रोग नाशिनी’ (रोगों का नाश करने वाला) माना जाता है. तुलसी में जीवाणुरोधी (Antibacterial) और एंटी-वायरल गुण भरपूर होते हैं, जो सीधे श्वसन तंत्र को मजबूत करते हैं. काढ़ा बनाने की विधि: तुलसी के पत्तों के साथ अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और स्वादानुसार शहद मिलाकर काढ़ा बनाएं. यह मिश्रण इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को हर तरह के संक्रमणों से बचाता है.

यदि आप अपने सुबह के पेय (दूध या काढ़ा) में थोड़ा सा अश्वगंधा पाउडर मिलाते हैं, तो यह आपकी शारीरिक और मानसिक ताकत में अद्भुत वृद्धि करता है. अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन (Adaptogen) है, यानी यह तनाव को कम करने वाला, नींद को सुधारने वाला और हॉर्मोन संतुलन बनाए रखने वाला एक प्राकृतिक टॉनिक है. यह ठंड के मौसम में शरीर को अतिरिक्त सहनशक्ति प्रदान करता है और दिनभर की भागदौड़ के लिए तैयार करता है.

गुनगुने पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर और थोड़ा सा शहद मिलाकर पीना भी सर्दियों में अद्भुत लाभ देता है. दालचीनी शरीर के मेटाबॉलिज्म को गति देती है और प्राकृतिक रूप से गर्माहट पैदा करती है. यह पेय न केवल पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, बल्कि मधुमेह के रोगियों के लिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक माना जाता है.

सर्दियों में ये छोटी-सी आदत ना केवल आपको दिनभर ताजगी और ऊर्जा से भरपूर रखती है, बल्कि मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए एक प्राकृतिक कवच भी बन जाती है. आयुर्वेद के इन सरल और शक्तिशाली उपहारों को अपनाकर हम आधुनिक जीवनशैली में भी स्वस्थ और अच्छी सेहत का आनंद ले सकते हैं.
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