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Satna News: मध्य प्रदेश के धार और झाबुआ जिलों के साथ साथ विंध्य क्षेत्र अधिवासी जनजातीय इलाकों में कड़कनाथ को स्थानीय भाषा में काली मासी भी कहते हैं. यहां सदियों से इसे एक शक्तिशाली औषधीय आहार के रूप में उपयोग किया जाता रहा है.
सतना. सर्दियों का मौसम आते ही लोग अपनी डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थ तलाशने लगते हैं, जो शरीर को गर्म रखें, इम्युनिटी बढ़ाएं और अंदरूनी ताकत को मजबूत करें. कोई काढ़ा पीता है, कोई देसी नुस्खों पर भरोसा करता है, तो कोई खास मौसमी आहार को अपनाता है. ऐसे में अगर आप नॉनवेज खाने वालों में शामिल हैं, तो ये खास गर्म तासीर वाली मुर्गी सर्दियों के लिए एक बेहतरीन और औषधीय विकल्प साबित हो सकती है. बस इसे ठंडे तासीर वाले ग्रेवी मसाले के साथ पकाइए. यह सिर्फ स्वाद में अलग नहीं है बल्कि इसके पीछे वर्षों पुरानी आदिवासी परंपरा, आयुर्वेदिक मान्यता और आधुनिक विज्ञान की पुष्टि भी जुड़ी हुई है. Bharat.one से बातचीत में मध्य प्रदेश के सतना के पशु चिकित्सक डॉ बृहस्पति भारती बताते हैं कि ठंड के मौसम में कड़कनाथ को सबसे बेहतर मांसाहारी भोजन माना जाता है क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है.
कड़कनाथ की सबसे बड़ी पहचान इसका काला मांस है, जो इसे आम मुर्गियों से अलग बनाता है. इस काले रंग के पीछे मेलेनिन नामक तत्व होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. मेलेनिन शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक माना जाता है. यही कारण है कि सर्दियों में जब ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट हेल्थ पर ज्यादा असर पड़ता है, तब कड़कनाथ का सेवन किसी औषधीय के मुकाबले कम फायदेमंद नहीं होता.
प्रोटीन से भरपूर और फैट में कम
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के लिहाज से कड़कनाथ को एक परफेक्ट बैलेंस्ड नॉनवेज फूड माना जाता है. अन्य सामान्य मुर्गियों की तुलना में इसमें लगभग 25 प्रतिशत तक अधिक प्रोटीन पाया जाता है जबकि फैट और कोलेस्ट्रॉल बेहद कम होता है. यह गुण इसे वजन नियंत्रित करने वालों, जिम जाने वालों और मांसपेशियों की मरम्मत चाहने वालों के लिए आदर्श बनाता है. सर्दियों में अक्सर लोग सुस्ती और कमजोरी महसूस करते हैं. ऐसे में कड़कनाथ शरीर को अंदर से मजबूत करने का काम करता है.
विटामिन और मिनरल्स का खजाना
उन्होंने आगे कहा कि कड़कनाथ सिर्फ प्रोटीन तक सीमित नहीं है बल्कि यह आयरन, जिंक, विटामिन बी12 और बी-कॉम्प्लेक्स जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भी अच्छा स्रोत है. आयरन की पर्याप्त मात्रा खून की कमी को दूर करने में मदद करती है जबकि विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है. यही वजह है कि इसे शारीरिक थकान, कमजोरी और एनीमिया जैसी समस्याओं में उपयोगी माना गया है.
मध्य प्रदेश के झाबुआ और धार जिलों के साथ साथ विंध्य क्षेत्र अधिवासी जनजातीय इलाकों में कड़कनाथ को स्थानीय भाषा में काली मासी कहा जाता है. यहां सदियों से इसे एक शक्तिशाली औषधीय आहार के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में इसके मांस और रक्त को कई रोगों में लाभकारी माना गया है. बघेलखंड जैसे क्षेत्रों में भी इसे प्राकृतिक टॉनिक के रूप में जाना जाता रहा है, जो शरीर की ऊर्जा बढ़ाने और कमजोरी दूर करने में सहायक है.
महिलाओं और बच्चों के लिए खास आहार
ग्रामीण और जनजातीय समाज में कड़कनाथ का एक विशेष सामाजिक महत्व भी रहा है. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को शारीरिक मजबूती देने, शरीर को फिर से स्वस्थ बनाने और खून की कमी दूर करने के लिए कड़कनाथ का मांस खिलाया जाता था. इसके अलावा महिलाओं के प्रजनन संबंधी विकार, मासिक धर्म की अनियमितता और हड्डियों-जोड़ों की मजबूती के लिए भी इसे लाभकारी माना गया है. कुल मिलाकर कड़कनाथ सर्दियों में सिर्फ एक पारंपरिक स्वाद नहीं बल्कि सेहत का भरोसेमंद देसी समाधान बनकर उभर रहा है.
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राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-kadaknath-emerges-as-a-traditional-superfood-know-benefits-local18-9996225.html







