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सर्वगुण संपन्न है ये औषधि, दांत दर्द, मुंह की बदबू, पेट की बीमारी का दुश्मन, वजाइनल डिस्चार्ज भी रोके


Maulshree ke fayde: क्या आपने मौलश्री पौधे के बारे में सुना या देखा है? इसे आयुर्वेद में बेहद ही गुणकारी और सर्वगुण संपन्न औषधि बताया गया है. इसे बकुल और संस्कृत में केसव भी कहा जाता है. मौलश्री का पौधा देखने में बहुत ही सुंदर होता है. इस पौधे की खूबसूरती को कवियित्री महादेवी वर्मा ने अपनी कविता में भी बयां किया है. उनकी ये पंक्तियां, ‘सकुच सलज खिलती शेफाली, अलस मौलश्री डाली-डाली… ये पंक्तियां छोटे-छोटे सफेद फूलों वाले मौलश्री के पौधे की खूबसूरती को बयां करती हैं. जानिए मौलश्री के सेहत लाभ यहां…

मौलश्री के फायदे (Maulshree ke fayde)

पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के बीएएमएस डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी (एमडी) कहते हैं कि मौलश्री के हरे पत्ते चमकीले होते हैं. इसके फूल बेहद खुशबूदार होते हैं. मौलश्री का पौधा कुछ बीमारियों का परम दुश्मन भी है. इसमें सालों भर फूल खिलते हैं. मौलश्री दांत और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में बेहद कारगर है. सूजन रोधी, इंफेक्शन दूर करता है.

-मौलश्री के फूलों की खास बात ये है कि यह सूख जाने के बाद भी सुगंध देता है. सदाबहार बकुल का फूल हर जगह मिलता है. इसकी खुशबू मन को शांति देती है, बल्कि यह आयुर्वेद में भी काफी फायदेमंद माना जाता है.

-मौलश्री के फूल पित्त-कफ से आराम दिलाते हैं. ये सूजन और वजाइनल डिस्चार्ज दूर करते हैं. इसके अलावा, मूत्र मार्ग में सूजन या जलन होने पर भी इसका इस्तेमाल से आराम मिलता है. मौलश्री के फूल हृदय और सिर में होने वाली पीड़ा में भी आराम देते हैं.

-इसके फल, छाल, पत्तियां, डंठल, फूल सब किसी न किसी तरीके से शरीर को लाभ पहुंचाते हैं. इनके सेवन से बुखार, त्वचा की कोई समस्या सब दूर होती है.

-मौलश्री दांतों से संबंधित समस्याओं के लिए विशेष लाभकारी है. असमय दांत हिलना, दांत दर्द, मुंह से बदबू आने से राहत भी दिलाता है. इसके इस्तेमाल से दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है.

कैसे करें मौलश्री का इस्तेमाल (How to use Maulshree)

– आप प्रतिदिन मौलश्री छाल से बना काढ़ा पिएं. इसके पाउडर के सेवन से दांत मजबूत होंगे. मौलश्री की छाल का पेस्ट बनाएं. इसका सेवन गर्म पानी या दूध के साथ करें, जिससे आराम मिलेगा. मौलश्री के पाउडर से मंजन करने पर दांत के दर्द समेत अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है. मौलश्री के 1-2 फलों को भी नियमित रूप से चबाने से दांत मजबूत होते हैं. नीम ही नहीं, बल्कि मौलश्री के डंठल से भी ब्रश करने पर दांत में होने वाली समस्याओं का शमन होता है.

– आयुर्वेद पुरानी खांसी ठीक करने में भी इसे कारगर मानता है. इसके फूलों को रात में पानी में भिगोकर रख दें. अगले दिन सुबह पी लें. खांसी एक हफ्ते में ठीक हो सकती है. हां, इसके प्रयोग से पहले किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लें.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-moulshree-or-bakul-plant-ayurvedic-remedy-for-dental-and-digestive-issues-medicinal-properties-moulshree-ke-fayde-9153909.html

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