आगरा: सुबह के वक्त टॉयलेट में लंबा वक्त बिताना कई बीमारियों के गंभीर संकेत हैं. डॉक्टरों के मुताबिक शौच में 5 मिनट से अधिक समय पाइल्स का संकेत हैं. डॉक्टरों के मुताबिक जिन्हें कब्ज की परेशानी रहती है, उन्हें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. डॉक्टरों ने ये बातें यहां आयोजित पांच दिवसीय एसोसेशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन में कही.
डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि आज पाइल्स की सर्जरी 18 वर्ष तक की उम्र में हो रही है. वजह गलत खान-पान और रहन सहन है. यदि शौच में आपको पांच मिनट से अधिक का समय लगता है तो ये पाइल्स होने के संकेत हैं. जिन्हें कब्ज की परेशानी रहती है, उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है. डॉक्टरों के मुताबिक शौच करते समय मोबाइल और बुक या अखबार आदि पढ़ने में ज्यादा समय बिताना भी गम्भीर हो सकता है.
पित्त की थैली में पथरी और मोटापे की समस्या
औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से आए डॉ. प्रवीन सूर्यवंशी ने बताया कि उप्र से लेकर असाम तक खराब पानी व खेतों में कीटनाशक के अधिक प्रयोग के कारण पित्त की थैली में पथरी के मामले अपेक्षाकृत अधिक देखने को मिलते हैं. यहां पानी में सुधार के साथ कीटनाशकों के प्रयोग को कम करने की आवश्यकता है. वहीं प्रिसर्व और तला खाना मोटापे के साथ कैंसर, डायबिटीज की समस्या को बढ़ा रहा है. गलत लाइफ स्टाइल व खान-पान के कारण कम उम्र में यह बीमारियां बढ़ रही है.
दी गई ट्रेनिंग
सम्मेलन के पहले पहले दिन शांति वेद अस्पताल में 300 से अधिक सर्जन्स को एनीमल मॉडल पर हैंड ऑन कोर्स में सर्जरी की नई विधाओं की ट्रेनिंग दी गई. लखनऊ के डॉ. योगेश मिश्रा ने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्जन को भी ट्रेनिंग दी गई है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी मरीजों को लाभ मिल सके. इसमें मुख्य रूप से 12 कोर्स कराए गए जिसमें लेजर, एमआईपीएच (पूर्ण प्रोटोलजी), एडब्ल्यूआरसी, एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड के साथ सीटी स्टेन व एमआरआई की रिपोर्ट को ठीक तरह से पढ़ने की भी ट्रेनिंग दी गई. इसके साथ रिसर्च पेपर लिखने के तरीके भी सिखाए गए.
300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे
आयोजन अध्यक्ष प्रो. एसके मिश्रा ने बताया कि हैंड ऑन सर्जरी का आयोजन पहली बार किया गया है. दूसरे दिन 11 दिसंबर को दिल्ली, मुंबई सहित सेंटर फार एक्सीलेंस से 20 से अधिक सर्जरी की जाएंगी और सम्मेलन स्थल पर इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा. सर्जरी की तकनीकी और जटिला से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए गए. कोषाध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि 300 से धिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे.
FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 15:36 IST
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