Food, व्रत के दिनों में सिंघाड़े के आटे या कुट्टू के आटे का प्रयोग ज्यादातर लोग करते हैं. सिंघाड़े के आटे और कुट्टू के आटे दोनों का उपयोग व्रत (उपवास) के दौरान विशेष रूप से किया जाता है, लेकिन इनके स्रोत, पोषण और गुणों में अंतर होता है. आइए विस्तार से जानते हैं, कि इन दोनों में कितना अंतर है.
स्रोत:
सिंघाड़ा एक जल में उगने वाला फल है. इसका आटा इसके सूखे फल को पीसकर बनाया जाता है.
गुण और पोषण:
ग्लूटेन-फ्री होता है.
फाइबर, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम से भरपूर.
शरीर को ठंडक देता है.
पाचन में सहायक होता है.
व्रत में ऊर्जा बनाए रखता है.
व्रत में क्यों खाया जाता है?
सिंघाड़ा सात्विक भोजन की श्रेणी में आता है, जो व्रत के नियमों के अनुसार उपयुक्त होता है. यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और उपवास के दौरान कमजोरी नहीं आने देता.
कुट्टू का आटा (Buckwheat Flour)
स्रोत:
कुट्टू एक बीज है, जो अनाज की तरह दिखता है लेकिन वास्तव में यह एक फल का बीज है.
गुण और पोषण:
हाई प्रोटीन और फाइबर.
मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन B से भरपूर.
ग्लूटेन-फ्री.
शरीर को गर्मी देता है.
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक.
व्रत में क्यों खाया जाता है?
कुट्टू का आटा भी सात्विक होता है और उपवास के दौरान शरीर को आवश्यक पोषण देता है. यह लंबे समय तक पेट भरा रखने में मदद करता है.
मुख्य अंतर
सिंघाड़े का आटा- ये एक स्रोतजल फल (सिंघाड़ा) है, इस आटे की प्रकृति ठंडी होती है, इसमें कैल्शियम पोटेशियम पाया जाता है, ये हल्का और ठंडक देने वाला होता है. व्रत में काफी उपयोगी होता है.
कुट्टू का आटा- बीज (कुट्टू), प्रकृति गर्म होती है, इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम होता है, पाचन पर असर भारी और गर्मी देने वाला, व्रत के लिए उपयोगी होता है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-what-is-the-difference-between-water-chestnut-flour-and-buckwheat-flour-and-why-are-they-eaten-during-fasting-learn-more-ws-l-9668887.html