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जिम और फिटनेस के प्रति जागरूक लोग अक्सर मसल ग्रोथ और प्रोटीन सप्लीमेंट पर ध्यान देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ यह काफी नहीं है? विटामिन B12 की कमी आपके शरीर और परफॉर्मेंस पर बड़ा असर डाल सकती है. इसलिए हेल्थ पैकेज में इसे शामिल करना बेहद जरूरी है.

आज के समय में फिटनेस ट्रेंड हर युवा की पहली पसंद बन चुका है. जिम जाने वाले लोग घंटों मेहनत करते हैं और अपने शरीर को मजबूत बनाने के लिए अलग-अलग सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं. प्रोटीन शेक और पाउडर उनके डेली रूटीन का अहम हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इन सबके बावजूद शरीर में विटामिन B12 की कमी हो सकती है? यह कमी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर बना रही है, खासकर उन युवाओं में जो सिर्फ प्रोटीन शेक पर भरोसा करते हैं और संतुलित आहार को नजरअंदाज कर देते हैं.

भारत में खासकर शाकाहारी लोगों में विटामिन B12 की कमी बहुत आम है. जिम जाने वाले ज्यादातर युवा वेजिटेरियन डाइट फॉलो करते हैं और प्रोटीन शेक को ही पूरा पोषण मान लेते हैं. लेकिन दूध, पनीर और दही में सीमित मात्रा में ही B12 मौजूद होता है, जबकि मांसाहारी भोजन में यह ज्यादा पाया जाता है. ऐसे में शाकाहारी युवाओं को ज्यादा खतरा रहता है. अगर समय रहते इसे सप्लीमेंट या सही डाइट से पूरा न किया जाए तो लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ सकती हैं.

विटामिन B12 की कमी के शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं. जिम करने वाले युवाओं को अक्सर लगता है कि थकान या कमजोरी सिर्फ ज्यादा वर्कआउट का नतीजा है. लेकिन, असलियत यह हो सकती है कि शरीर में B12 का लेवल बेहद कम हो. इसके चलते शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती और मांसपेशियां मजबूत होने के बजाय कमजोर पड़ जाती हैं. इतना ही नहीं, नर्वस सिस्टम पर भी इसका असर पड़ता है और हाथ-पांव में झुनझुनी जैसी परेशानी शुरू हो सकती है.

फिटनेस एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्रोटीन शेक को डायट का हिस्सा जरूर बनाया जा सकता है, लेकिन इसे एकमात्र स्रोत मानना बड़ी गलती है. संतुलित आहार ही शरीर को सही तरीके से पोषण देता है. अंडा, मछली, दूध, पनीर और सोया जैसे फूड्स में प्रोटीन और B12 दोनों पाए जाते हैं. अगर सिर्फ प्रोटीन पाउडर पर निर्भर रहेंगे तो शरीर को अधूरा पोषण मिलेगा. यही वजह है कि कई युवा सालों तक जिम जाने के बावजूद थके-थके नजर आते हैं और उनकी हेल्थ में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाता.

विटामिन B12 का सीधा असर ब्लड हेल्थ पर भी पड़ता है. जब इसकी कमी होती है तो खून में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे एनीमिया जैसी समस्या पैदा होती है. कई बार जिम जाने वाले लोग भारी वर्कआउट करने के बाद भी खुद को कमजोर महसूस करते हैं. वे समझते हैं कि उनकी डाइट में प्रोटीन कम है, लेकिन असली कारण B12 की कमी हो सकती है. खून की कमी होने पर ऑक्सीजन पूरे शरीर में सही तरीके से नहीं पहुंच पाती और मांसपेशियां भी मजबूत नहीं बन पातीं.

एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विटामिन B12 का संबंध दिमाग की सेहत से भी है. अगर शरीर में इसकी कमी हो तो मूड स्विंग्स, डिप्रेशन और कंसंट्रेशन की समस्या बढ़ सकती है. जिम करने वाले युवाओं को अक्सर मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन होने लगता है. कई बार वे सोचते हैं कि ये सब स्ट्रेस या वर्कआउट का नतीजा है, जबकि हकीकत यह है कि B12 की कमी से दिमाग ठीक से काम नहीं करता. इस वजह से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परफॉर्मेंस प्रभावित हो जाती है.

अगर आप जिम जाते हैं तो जरूरी है कि अपने हेल्थ पैकेज में विटामिन B12 टेस्ट भी शामिल करें. अक्सर लोग सिर्फ प्रोटीन लेवल या मसल ग्रोथ पर ध्यान देते हैं, लेकिन अगर B12 कम है तो किसी भी सप्लीमेंट का फायदा पूरा नहीं मिलेगा. डॉक्टर सलाह देते हैं कि साल में कम से कम एक बार B12 की जांच जरूर करानी चाहिए. अगर कमी पाए तो इसे सप्लीमेंट्स और डाइट दोनों से पूरा करना चाहिए, वरना यह धीरे-धीरे शरीर में बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-vitamin-b12-deficiency-found-in-gym-going-youth-health-at-risk-know-diet-tips-local18-ws-kl-9642400.html