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Health tips : ये चेतावनी उन लोगों के लिए खासतौर पर है जो अलार्म के बिना जाग नहीं पाते. अगर वे अपनी इस आदत को नहीं बदलते हैं, तो गंभीर समस्या झेलनी पड़ सकती हैं. आइये जानते हैं ये हमारे लिए कैसे और कितना खतरनाक है?
जौनपुर. सुबह उठने के लिए अलार्म का इस्तेमाल करना आजकल लगभग हर घर की आदत बन चुका है. खासकर नौकरीपेशा लोग और स्टूडेंट समय पर उठने के लिए अलार्म पर निर्भर रहते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. जौनपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीएस उपाध्याय इसके खतरों के प्रति आगाह करते हैं. वे बताते हैं कि अचानक तेज आवाज में बजने वाला अलार्म शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. जब कोई व्यक्ति गहरी नींद में होता है और अचानक जोर से अलार्म बजता है, तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कॉर्टिसोल और एड्रेनालिन) का स्तर तेजी से बढ़ जाता है. इस कारण ब्लड प्रेशर अचानक ऊपर चला जाता है और दिल की धड़कन अनियमित हो सकती हैं.
यही वजह है कि हृदय रोगियों में हार्ट अटैक का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है. यह स्थिति उन मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है, जो पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हृदय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं. डॉ. उपाध्याय के अनुसार, नींद से अचानक उठने पर शरीर को सामान्य होने में समय लगता है. अगर यह प्रक्रिया धीरे-धीरे और प्राकृतिक तरीके से हो तो स्वास्थ्य पर कोई खास असर नहीं पड़ता, लेकिन तेज आवाज वाले अलार्म से नींद टूटने पर शरीर को झटका लगता है, जिसे चिकित्सा विज्ञान में ‘सडन स्टार्टल रिस्पॉन्स’ कहा जाता है. इस झटके का सीधा असर हृदय और नर्वस सिस्टम पर पड़ता है.
फिर क्या करें
डॉ. उपाध्याय बताते हैं कि दिल के मरीजों को चाहिए कि वे पारंपरिक अलार्म की बजाय वैकल्पिक साधनों का प्रयोग करें जैसे – नैचुरल वेक-अप लाइट का इस्तेमाल, जो धीरे-धीरे कमरे में रोशनी बढ़ाती है और नींद को प्राकृतिक तरीके से तोड़ती है. सॉफ्ट म्यूजिक या हल्की ध्वनि वाले अलार्म का चयन, जिससे नींद धीरे-धीरे खुले और हृदय पर अतिरिक्त दबाव न पड़े. रात को समय पर सोना और नियमित दिनचर्या बनाए रखना, ताकि शरीर खुद सुबह स्वाभाविक रूप से उठ सके.
डॉ. उपाध्याय के अनुसार, केवल दिल के मरीज ही नहीं, बल्कि स्वस्थ लोग भी तेज आवाज वाले अलार्म से बचें, क्योंकि लंबे समय तक यह आदत तनाव, सिरदर्द और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकती है. हमें अपने हृदय को सुरक्षित रखने के लिए जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने चाहिए. अलार्म से जुड़ी यह सावधानी उनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव है.

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें
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