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Arjun Bark Tea Benefits: सर्दियों में बढ़ती ठंड और गले की जलन से राहत पाने के लिए लोगों की पहली पसंद अब नार्मल चाय या दूध की चाय नहीं बल्कि ये हर्बल चाय बन रही है. शहर की हर्बल दुकानों पर इसकी मांग तेजी से बढ़ी है वहीं आयुर्वेद विशेषज्ञ भी इसे दिल की सेहत, इम्यूनिटी और प्राकृतिक गर्माहट के लिए बेहद लाभकारी बता रहे हैं.
शिवांक द्विवेदी, सतना: सर्दियों की दस्तक के साथ शहर में एक नया हेल्थ ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और लोग घर बनी तरह तरह की हर्बल चाय आजमा रहे हैं. ठंड बढ़ने के साथ गले में जलन, सर्दी-जुकाम और थकान जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं ऐसे में लोग अब दूध-चाय की बजाय कुछ प्राकृतिक और औषधीय पेय की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. स्थानीय दुकानों और हर्बल शॉप्स पर इसके पैक की मांग लगातार बढ़ रही है वहीं फिटनेस-प्रेमी और स्वास्थ्य सचेत लोग इसे अपनी रोज़मर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं. आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि इस ख़ास पेड़ की छाल से बनी चाय शरीर को अंदर से गर्म रखती है और दिल की सेहत सुधारने में खास भूमिका निभाती है.
अर्जुन की छाल प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि, आज का मॉडर्न हेल्थ ट्रेंड
अर्जुन के पेड़ की छाल सदियों से हृदय रोग, सूजन और श्वसन संबंधी समस्याओं के इलाज में औषधि के रूप में प्रयोग की जाती रही है. लेकिन इस बार इसकी लोकप्रियता एक नए रूप में सामने आई है जिसे लोग अर्जुन टी के नाम से जान रहे है. Bharat.one से बातचीत में जड़ी-बूटियों के जानकार विष्णु तिवारी ने बताया कि अर्जुन की छाल से बनी चाय का नियमित सेवन कई तरह की मौसमी दिक्कतों में लाभ देता है. ठंड के मौसम में इस चाय का इंटेक करने से सर्दी-जुखाम की शिकायत कम होती है और शरीर की इम्यूनिटी स्वाभाविक रूप से बढ़ती है.
रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है यह चाय
अर्जुन की छाल में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और इम्यून-बूस्टिंग गुण पाए जाते हैं जो इसे एक संपूर्ण हर्बल ड्रिंक बनाते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि यह चाय श्वसन मार्ग को साफ करती है बलगम कम करती है और गले की जलन को शांत करती है. इसके नियमित सेवन से खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में भी राहत मिलती है. वहीं पाचन तंत्र पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया है जिससे गैस, अपच और पेट की सूजन जैसी परेशानियों में प्रभावी मदद मिलती है. शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में इसकी भूमिका इसे सर्दियों का आदर्श पेय बना देती है.
दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में हृदय का रक्षक कहा गया है. शोधों और पारंपरिक ज्ञान दोनों के अनुसार यह चाय रक्तचाप नियंत्रित रखने, खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने और दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है. इसलिए हृदय रोगियों और मध्यम उम्र के लोगों में भी इसके प्रति रुचि बढ़ी है. शहर के कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देते हैं खासकर उन लोगों को जो सर्दियों में हृदय संबंधी समस्याओं से जूझते हैं.
कैसे बनाएं अर्जुन की छाल की चाय?
अर्जुन की छाल की चाय घर पर बहुत आसानी से तैयार की जा सकती है. इसके लिए 1 इंच छाल (या 1 चम्मच पाउडर) को एक गिलास पानी में 5–10 मिनट उबालें, जब तक पानी आधा न रह जाए. चाहें तो इसमें दालचीनी या इलायची भी मिलाई जा सकती है.
छानकर गुनगुना होने पर शहद मिलाएं और पी लें. विशेषज्ञ इसे दिन में एक या दो बार विशेषकर शाम के समय पीने की सलाह देते हैं.
सर्दियों में बना लोगों का भरोसेमंद हेल्थ साथी
बढ़ती ठंड और मौसमी संक्रमणों के बीच इस चाय का ट्रेंड केवल फैशन नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य-सचेत बदलाव भी माना जा रहा है. प्राकृतिक गर्माहट देने के साथ-साथ यह चाय सर्दी-खांसी से सुरक्षा, पाचन सुधार, सूजन कम करने और दिल की सेहत को बेहतर बनाने में सहायक कही जा रही है. यही कारण है कि सतना सहित आसपास के क्षेत्रों में अर्जुन की छाल की चाय इस मौसम की सबसे चर्चित और पसंदीदा हर्बल ड्रिंक बन गई है.
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Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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