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Health Tips: क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना खाया जाने वाला खाना कितना सुरक्षित है? लापरवाही के कारण लोग खाने के साथ हर साल करीब 300 ग्राम ज़हरीले तत्व शरीर में ले रहे हैं. यही वजह है कि गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं. सवाल है, आपकी थाली में रखा खाना कितना सुरक्षित है.
जौनपुरः क्या आप जानते हैं कि हम जो खाना रोज़ खाते हैं, वह कितना सुरक्षित है? अक्सर हम स्वाद और पेट भरने पर ध्यान देते हैं, लेकिन खाने की गुणवत्ता को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. यही लापरवाही गंभीर बीमारियों की वजह बन रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक एक आम व्यक्ति हर साल खाने के साथ करीब 300 ग्राम तक ज़हरीले तत्व अपने शरीर में ले रहा है. यह सुनकर चौंकना स्वाभाविक है. सवाल यह है कि आपकी थाली में रखा खाना कितना सुरक्षित है और इसके ज़रिये कौन-कौन सी बीमारियां हमारे शरीर में प्रवेश कर रही हैं. आइए जानते हैं.
कृषि विभाग के उप परियोजना निदेशक (आत्मा) डॉ. रमेश चंद्र यादव ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि आज के समय में आम आदमी अनजाने में हर साल लगभग 300 ग्राम ज़हर अपने भोजन के साथ खा रहा है. यह ज़हर सीधे तौर पर रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और जहरीले रसायनों के रूप में हमारी थाली तक पहुंच रहा है. एक रिसर्च के हवाले से उन्होंने कहा कि यही कारण है कि समाज में कैंसर, शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं.
डॉ. यादव ने बताया कि अधिक उत्पादन की होड़ में किसान फसलों में जरूरत से ज्यादा रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं. इन रसायनों का असर सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह सब्जियों, फलों, अनाज और दालों के जरिए सीधे मानव शरीर में प्रवेश कर जाता है. लंबे समय तक इन जहरीले तत्वों के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है और लोग कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज बाजार में बिकने वाली हरी-भरी सब्जियां और चमकदार फल देखने में भले ही आकर्षक लगते हों, लेकिन इनमें मौजूद रासायनिक अवशेष स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं. यही वजह है कि पहले जहां बीमारियां उम्र के अंतिम पड़ाव में होती थीं, वहीं अब युवा और बच्चे भी शुगर, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित नजर आ रहे हैं.
अगर समय रहते हम नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा. स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है कि खेत से लेकर थाली तक ज़हर को कम किया जाए और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए.
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पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में प्रिंट मीडिया से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों म…और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-300-grams-of-poison-you-consume-in-your-food-your-food-unsafe-local18-9963576.html







