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DSA Machine at Safdarjung Hospital: डिजिटल सब्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) मशीन न्यूरोसर्जरी ट्रीटमेंट में इस्तेमाल की जाती है. यह मशीन ब्रेन की ब्लड वेसल्स की रीयल टाइम और हाई रेजोल्यूशन एक्स-रे इमेजिंग करती है. इसके जरिए स्ट्रोक, आर्टरी ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है. एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग करने में भी यह मशीन मददगार है.
Digital Subtraction Angiography Machine: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए लगाई गई करोड़ों की मशीन लोगों के काम नहीं आ पा रही हैं. पिछले दिनों लोकनायक अस्पताल में MRI और CT Scan की सुविधा कई सप्ताह तक ठप होने की खबर सामने आई और अब सफदरजंग हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट में पिछले एक साल से डिजिटल सब्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) मशीन खराब होने का पता चला है. DSA मशीन की कीमत 10 करोड़ रुपये है और यह ब्रेन से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों के डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट में काम आती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मशीन अभी भी कम्प्रिहेंसिव मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (CMC) के तहत है, जिसमें सभी प्रकार की मरम्मत और सर्विसिंग शामिल है. इसके बावजूद मशीन अब तक चालू नहीं हो सकी है और मरीजों को इलाज के लिए AIIMS और अन्य अस्पतालों में भटकना पड़ रहा है.
अस्पताल प्रशासन के अनुसार फिलहाल जिन मरीजों को एंडोवैस्कुलर ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है, उन्हें न्यूरोरेडियोलॉजी विभाग में भेजा जाता है, जहां एक अलग और पूरी तरह फंक्शनल DSA लैब मौजूद है. अगर मरीज अन्य अस्पतालों में इलाज कराना चाहते हैं, तो उन्हें AIIMS, जीबी पंत अस्पताल या जीटीबी अस्पताल रेफर किया जाता है. RTI से मिली जानकारी के अनुसार न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट की DSA मशीन पर पहला प्रोसीजर 11 अगस्त 2020 को किया गया था, जबकि आखिरी प्रोसीजर 6 जून 2024 को हुआ. चार साल में केवल 116 केस किए गए. यह संख्या रेडियोलॉजी विभाग की DSA मशीन की तुलना में बेहद कम है, जो प्रतिदिन लगभग 15 प्रोसीजर करती है.
किन बीमारियों को डायग्नोज करती है DSA मशीन?
डिजिटल सब्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) मशीन न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इसके जरिए ब्रेन की ब्लड वेसल्स की रीयल टाइम और हाई रेजोल्यूशन एक्स-रे इमेजिंग की जाती है. DSA मशीन न्यूरोइंटरवेंशनल या न्यूरो-एंडोवैस्कुलर प्रक्रियाओं के लिए बेहद जरूरी होती है. यह मशीन ब्रेन में स्ट्रोक, एन्यूरिज्म यानी ब्लड वेसल्स की सूजन और ब्लॉकेज जैसी कंडीशंस के डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट दोनों में इस्तेमाल की जाती है. DSA मशीन की मदद से स्टेनोसिस यानी आर्टरी की संकीर्णता, आर्टेरियोवेनस मालफॉर्मेशन और वेनस ऑक्लूजन जैसी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है. साथ ही यह एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग जैसे ट्रीटमेंट में भी यह मशीन डॉक्टर्स की मदद करती है.
मरीजों को दिया जा रहा ओपन सर्जरी का विकल्प
अस्पताल का कहना है कि जिन मरीजों को न्यूरोवैस्कुलर बीमारियां हैं, उन्हें फिलहाल ओपन सर्जरी का विकल्प दिया जा रहा है और इसके नतीजे एंडोवास्कुलर उपचारों के जैसे ही हैं. हालांकि एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस को बतायाकि कई ब्रेन संबंधी ब्लड वेसल्स डिजीज में ओपन सर्जरी से वही परिणाम नहीं मिलते, जो एंडोवास्कुलर तकनीक से मिलते हैं. ऐसे में मशीन का ठप रहना मरीजों के लिए बड़ी चिंता का विषय है.

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-rs-10-crore-dsa-machine-at-safdarjung-hospital-lies-defunct-for-over-a-year-know-why-it-is-used-9793500.html







