मौजूदा वक्त में महिला-पुरुष दोनों के लिए फिट रहना बड़ी चुनौती है. हम फिटनेस के लिए क्या नहीं करते हैं. हम अच्छी डाइट के साथ स्ट्रेस फ्री जिंदगी और वर्कआउट पर जोर देते हैं. लेकिन, हमारी उम्र का भी इसमें एक बड़ा रोल होता है. हम अधेड़ उम्र में एक युवा की तरह ऊर्जावान नहीं रह सकते हैं. हालांकि, महिला और पुरुष दोनों का फिटनेस अलग-अलग होता है. दोनों के शरीर की बनावट पूरी तरह अलग है. ऐसे में हम आज महिलाओं की फिटनेस की बात करते हैं.
दरअसल, महिलाओं की पूरी बॉडी पुरुषों के लिए एक रहस्य है. उनकी चाहत, उनकी सोच, उनकी खुशी, उनका आनंद… उनका हर एक चीज अलग है. यह एक आम धारणा है कि महिलाओं की चाहत और उनकी सोच को समझना एक टेढ़ी खीर है. खैर अभी हम महिलाओं की फिटनेस, उनकी ऊर्जा और उनकी उम्र को लेकर बात करते हैं.
प्रैक्टो डॉट कॉम पर डॉक्टर अमित नैले लिखते हैं कि महिलाओं की ऊर्जा और उम्र के बीच सीधा कोई संबंध नहीं है. इसको कई अन्य फैक्टर प्रभावित करते हैं. इसमें उम्र के साथ हार्मोलन बदलाव, रिलेशनशिप स्टैटस, निजी अनुभव और फिटनेस सब एक दूसरे से जुड़े हैं. महिलाओं की ऊर्जा के बारे में एक जनरल बात हर महिला पर लागू नहीं होती. हालांकि इसको कुछ एक ग्रुप के हिसाब से बांटा जा सकता है.
युवा अवस्था
कोई भी युवती 18 से 20 साल की उम्र में ऊर्जा से भरपूर रहती है. इस उम्र में उसके अंदर एक तरह की जिज्ञासा होती है. वह उस जिज्ञासा की पूर्ति करना चाहती है. ऐसे में वह इस उम्र में तरह के तरह से चीजों का अनुभव लेना चाहती है. हालांकि, यहां ध्यान रखना होगा कि हर चीज और माहौल अनुकूल हो तभी इस तरह जिज्ञासा की उम्मीद की जा सकती है. ऐसा लड़कों में भी देखा जाता है. लड़के भी इस उम्र में सबसे ज्यादा उम्रदराज होते हैं.
20 से 35 की उम्र
आमतौर पर महिलाएं इसी उम्र में सबसे ज्यादा ऊर्जावान फील करती हैं. वह लाइफ में काफी हद तक सेटल हो चुकी होती हैं. उनका लाइफ पार्टनर होता है. वे मिलकर सपने देखते हैं. ऐसे में लाइफ पार्टनर के साथ मिलकर उनका स्ट्रगल काफी खूबसूरत बन जाता है. वह एक दूसरे की ऊर्जा के स्रोत बनते हैं. ऐसे में उनका ऊर्जावान होना लाजिमी है. हालांकि, यहां भी अपवाद है. पार्टनर के साथ खटपट या कोई विवाद जीवन को नरक बना देता है.
35 से 45 की उम्र
महिलाओं के लिए 35 प्लस की उम्र लाइफ का गोल्डन टाइम होता है. 40 पल्स में बढ़ने के साथ महिलाएं मेनोपॉज की ओर बढ़ने लगती हैं. वह लाइफ में पूरी सेटल हो चुकी हैं. वे और उनका लाइफ पार्टनर पूरी तरह एक दूसरे के पूरक बन चुके होते हैं. इस दौरान उनकी बॉडी में एक बार फिर बड़ा हार्मोनल चेंज होता है. इससे उनकी ऊर्जा पर भी असर पड़ता है. लेकिन, कई शोध में दावा किया गया है कि अगर परिवार में खुशी और आनंद हो, महिला के जीवन में आनंद हो तो कई दफा वह इस उम्र में भी काफी ऊर्जावान फील करती हैं.
उनकी ऊर्जा कई बार किसी युवती की तरह होती हैं. बशर्ते उनको यह फील होना चाहिए कि उनको लाइफ ने हर चीज दिया है. इसमें लाइफ पार्टनर का सपोर्ट काफी अहमियत रखती है. ऐसे में कई शोध में पाया गया है कि 45-50 की उम्र में मेनोपॉज के बाद काफी महिलाएं ऊर्जावान फील करती हैं और वे पार्टनर के साथ संबंध बनाने में बराबर से भागीदारी करती हैं.
FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 20:56 IST
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