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7000 Rs किलो वाला ये पहाड़ी मसाला… पेट कर देगा चकाचक! दमा, डायबिटीज, जॉन्डिस में भी फायदेमंद – Uttarakhand News


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Benefits of Allium Strachey : आप दाल या सब्जी में तड़का मारने के लिए जीरा, प्याज या लाल मिर्च का उपयोग करते होंगे लेकिन उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में एक अनोखी तरह की चीज उपयोग की जाती है. यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक जड़ी बूटी भी है. यह बेशकीमती इसलिए है क्योंकि यह 7 हजार रुपये  प्रति किलो के हिसाब से बेची जाती है. हम बात कर रहे हैं फरण की. 

Allium stracheyi

चमोली की भोटिया जनजाति के लोग फरण की खेती करते हैं. इसे सुखाकर इससे तड़का मार जाता है. यह प्याज के परिवार से है. जो लोग प्याज लहसुन से परहेज करते हैं वे लोग इसका सेवन करते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. डायबिटीज को कंट्रोल करता है, पीलिया जैसी बीमारी का रामबाण इलाज भी है.

Allium stracheyi

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की आयुर्वेदिक चिकित्सक शालिनी जुगरान ने बताया कि फरण को पहाड़ी क्षेत्रों में अलग- अलग नाम से जाना जाता है, इसे जिम्बू, जंबू, झांबू, फारन जैसे कई नामों से जानते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम Allium stracheyi है जो मूल रूप से हिमालय की चोटियों पर पाई जाती है. इसमें गुलाब की तरह फूल भी आते हैं. यह बहुत खुशबूदार होता है.

Allium stracheyi

डॉ जुगरान बताती है कि फरण में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं जिसके कारण यह कई बीमारियों के जोखिम को कम करता है. फरण पेट के पाचन को दुरुस्त रखता है और खून को शुद्ध करता है. इसके अलाा फरण सर्दी-खांसी, दमा, डायबिटीज, जॉन्डिस आदि बीमारियों में भी फरण बहुत लाभकारी है.उत्तराखंड में फरण की पत्तियों को लोग सूखा लेते हैं और इसे रख लेते हैं जिसका कई प्रकार से खाने में उपयोग किया जाता है.

Allium stracheyi

फरण की पत्तियों को घी में रोस्ट कर कई महीनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है. इसके साथ ही इसके तने से भी सब्जी बनाई जाती है. सामान्य तौर पर फरण या जंबू मसाले से लोग किसी भी सब्जी,सूप या दाल में तड़का लगाते हैं. यह मसाला सब्जियों के स्वाद में कई गुना इज़ाफ़ा कर देती है.

Allium stracheyi

फरण जितनी स्वाद बढ़ाने में माहिर है, उतनी ही यह औषधीय गुणों से भरपूर भी है. अगर इसे पहाड़ की चोटियों की संजीवनी कहें तो कोई गलत बात नहीं होगी. पहाड़ के लोग अक्सर ही इसका किसी न किसी तरीके से सेवन करते हैं जिससे वे निरोगी रहते हैं.

Allium stracheyi

उन्होंने बताया कि कई दवा बनाने वाली कंपनियां फरण का इस्तेमाल दवाईयों के निर्माण में कर रहीं हैं . इसमें सल्फर कंटेनिंग कंपाउंड, फाइबर, एंटीआक्सीडेंट समेत कई मेडिसिनल गुण पाए जाते हैं. इसके ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ प्रभाकर सेमवाल फरण को एक्सट्रेक्ट कर ऑयल निकालने के साथ इसके प्रयोग को लेकर काम कर रहे हैं.

Allium stracheyi

हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली जंबू में 4.26 प्रतिशत प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत वसा, 79.02 प्रतिशत फाइबर सहित कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है.

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7000 Rs किलो वाला ये पहाड़ी मसाला… पेट कर देगा चकाचक! दमा, डायबिटीज…


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