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Health Tips: राजस्थान में बाजरे की कटाई शुरू हो गई है. यह गरीबों का अनाज स्वास्थ्य और पोषण के लिए बेहद लाभकारी है, जो मोटापा नियंत्रित करता है और पाचन को सुधारता है. बाजरा, जिसे अक्सर गरीबों का अनाज कहा जाता रहा है, आज पोषण और स्वास्थ्य की दृष्टि से सुपर फूड बनता जा रहा है. राजस्थान में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और इस समय किसानों के खेतों में कटाई का मौसम है. अब बाजरा आम घरों की थालियों में पहुंचना शुरू हो गया है.

बाजरे को लंबे समय से गरीब का अनाज कहा जाता रहा है. अपनी पोषण गुणवत्ता और आर्थिक महत्व के कारण यह धीरे-धीरे सुपरफूड के रूप में लोकप्रिय हो रहा है. राजस्थान में बाजरे की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इस समय इस फसल की कटाई का मौसम है, और अब यह खेतों से निकलकर आम घरों की थालियों तक पहुँचने लगी है. बाजरे का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का भी हिस्सा बनता है.

बाजरा केवल एक साधारण फसल नहीं है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए किसी खजाने से कम नहीं है. इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज को दूर करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है. इसी कारण डॉक्टर भी इसे रोजमर्रा के आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं. बाजरे का नियमित सेवन शरीर को ऊर्जा और ताकत प्रदान करता है और स्वास्थ्य को लंबी अवधि तक बनाए रखने में मदद करता है.

हेल्थ एक्सपर्ट अंजू चौधरी के अनुसार, डायबिटीज़ से पीड़ित मरीजों के लिए बाजरे की रोटी गेहूं की रोटी से अधिक लाभकारी मानी जाती है. बाजरे में मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं और हृदयघात के खतरे को कम करते हैं. इसके नियमित सेवन से शरीर को पोषण मिलता है और स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रखना आसान होता है. बाजरा न केवल स्वादिष्ट है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है.

इसके अलावा, बाजरे में कैल्शियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. यह खासतौर पर बच्चों और महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है. नियमित रूप से बाजरे का सेवन हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली कमजोरी को कम करने में सहायक होता है. इसके अलावा, यह शरीर को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है.

बाजरे का स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है. इसे केवल रोटी के रूप में ही नहीं, बल्कि राबड़ी, खिचड़ा और चूरमा जैसे पारंपरिक व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है. राजस्थान में खासतौर पर बाजरे का खिचड़ा और चूरमा बहुत लोकप्रिय हैं. ये व्यंजन स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ शरीर को पोषण भी प्रदान करते हैं. बाजरे का नियमित सेवन स्वाद और सेहत दोनों का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.

हेल्थ एक्सपर्ट अंजू चौधरी के अनुसार, लगातार बढ़ती मोटापे की समस्या चिंता का विषय बन गई है. ऐसे में बाजरा वजन घटाने में मददगार साबित हो सकता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व ओवरईटिंग को रोकने में सहायक होते हैं और वजन कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, बाजरे का नियमित सेवन बालों को मजबूत बनाता है और त्वचा पर प्राकृतिक निखार भी लाता है. यह एक ऐसा सुपरफूड है जो स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों के लिए फायदेमंद है.

बाजरे की खेती भी आसान मानी जाती है. इसे जून-जुलाई में बोया जाता है और सितंबर-अक्टूबर में इसकी कटाई होती है. बाजरे की खासियत यह है कि इसे उगाने के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है. यही कारण है कि जो अनाज कभी गरीबों का भोजन माना जाता था, वह अब महंगे और पोषक अनाज के रूप में अमीर वर्ग की थालियों तक पहुँच चुका है. बाजरा स्वास्थ्य और स्वाद दोनों के लिहाज से आज भी बेहद लोकप्रिय है.
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