Benefits Of Betel Leaves: भारत में पान का नाम सुनते ही मन में एक खास ताजगी सी महसूस होती है. यह छोटा-सा हरा पत्ता न सिर्फ खाने के बाद स्वाद बढ़ाने के लिए काम आता है, बल्कि इसके अंदर सेहत का खज़ाना छिपा होता है. पुराने जमाने में हमारे दादा-दादी खाने के बाद पान खाना नहीं भूलते थे. आज के समय में बहुत से लोग इसे सिर्फ परंपरा या आदत समझते हैं, लेकिन सच यह है कि पान का पत्ता एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि है. इसमें ऐसे तत्व मौजूद हैं जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं, पाचन को सुधारते हैं, सांस की तकलीफ को कम करते हैं और चेहरे पर चमक लाते हैं. यही नहीं, यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. एम्स के पूर्व विशेषज्ञ और साओल हार्ट सेंटर के डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने एक वेबसाइट को बताया उनका कहना है कि पुराने समय में पान खाने की परंपरा के पीछे गहरा वैज्ञानिक कारण छिपा था. अगर इसे सही तरीके और संतुलित मात्रा में खाया जाए, तो यह शरीर को लंबे समय तक जवान और चुस्त रख सकता है. आइए जानते हैं कि आखिर यह साधारण-सा पत्ता अमृत समान क्यों कहा जाता है और इसे खाने का सही तरीका क्या है.
खाना खाने के बाद पान का सेवन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. पान के पत्ते में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट में बनने वाली गैस को कम करते हैं और पाचन को सही रखते हैं. जब खाना ठीक से पचता है तो शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस करता है. पान का पत्ता पेट फूलने, एसिडिटी और गैस जैसी परेशानियों को शांत करता है. अगर आप भारी खाना खाने के बाद एक या दो हरे पत्ते बिना किसी मिलावट के खाएं, तो पेट से जुड़ी दिक्कतें दूर रहती हैं.
2. सांस और गले की परेशानी में राहत
मौसम बदलते ही गले में खराश, खांसी या कफ की शिकायत आम हो जाती है. पान के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण सांस की नली को साफ करते हैं. अगर पान के कुछ पत्ते पानी में उबालकर उसकी भाप ली जाए, तो जमा हुआ कफ निकलने में आसानी होती है. इससे नाक बंद होने और गले में दर्द की परेशानी भी घटती है.

3. मस्तिष्क को मिले शांति और ऊर्जा
कई बार दिनभर की भागदौड़ के बाद दिमाग थका हुआ या चिड़चिड़ा महसूस करता है. ऐसे में पान का पत्ता मददगार साबित होता है. इसमें कुछ प्राकृतिक तत्व होते हैं जो दिमाग में बनने वाले रसायनों का संतुलन बनाए रखते हैं. इससे मन शांत होता है और मूड अच्छा रहता है. पुराने समय में पान को मानसिक स्फूर्ति बढ़ाने वाला भी माना गया है.
4. मुंह की दुर्गंध और मसूड़ों की सूजन से बचाव
पान के पत्ते में जीवाणु नाशक तत्व होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया के बढ़ने से रोकते हैं. इससे सांस की दुर्गंध कम होती है और मसूड़ों की सूजन भी घटती है. नियमित रूप से शुद्ध पान का पत्ता खाने से दांतों की मजबूती बनी रहती है. कई लोग पान को प्राकृतिक माउथवॉश के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित है.

5. शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
पान का पत्ता शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ाता है. इसके अंदर मौजूद विटामिन और पौष्टिक तत्व खून को साफ करते हैं. जब शरीर के अंदर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं, तो त्वचा साफ और चमकदार बनती है. यही वजह है कि इसे “प्राकृतिक टॉनिक” कहा जाता है.
पान खाने का सही तरीका
पान का पत्ता हमेशा प्राकृतिक रूप में ही खाना चाहिए. इसमें चूना, कत्था या सुपारी जैसी चीजें नहीं डालनी चाहिए क्योंकि ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. खाने के बाद एक या दो हरे पत्ते चबाने से फायदा होता है. अगर पत्तों को गर्म पानी में उबालकर उसका काढ़ा पिया जाए, तो भी यह फायदेमंद है. कोशिश करें कि यह ताजा पत्ता ही हो और रसायनों से मुक्त हो.
सावधानियां
पान का सेवन सीमित मात्रा में करें. अधिक खाने पर यह शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है. गर्भवती महिलाओं या किसी दवाई पर चल रहे व्यक्ति को इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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