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Benefits of drinking Chirata water: चिरायता आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि है, जो कई सारे बीमारियों के लिए काल है. इसके सेवन से रक्त शुद्धि और त्वचा रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है.

चिरायता प्राकृतिक औषधि कई रोगों में लाभकारी.
हाइलाइट्स
- चिरायता रक्त शुद्धि और त्वचा रोगों में लाभकारी है.
- पेट की समस्याओं और पाचन क्रिया को सुधारता है.
- गर्मियों में चिरायता का सेवन शरीर को ठंडक देता है.
चिरायता के फायदे. आयुर्वेद में चिरायता को एक उत्तम औषधि माना गया है, जो कई रोगों के उपचार में उपयोगी साबित होती है. इसकी पत्तियों, तने और जड़ों का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है. चिरायता का स्वाद अत्यंत कड़वा होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण इसे अमूल्य बनाते हैं. खासतौर पर यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है. यह बिहार के हवेली खड़गपुर के जंगलों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. खासकर गंगटा मोड़ और हवेली खड़गपुर जंगलों में.
रक्त शुद्धिकरण और संक्रमण नाशक
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. मृत्युंजय कुमार पाठक के अनुसार चिरायता रक्त को शुद्ध करता है और शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को समाप्त करता है. यह त्वचा रोगों, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याओं में अत्यंत लाभकारी होता है. इसके सेवन से रक्त साफ होता है, जिससे चेहरे की चमक बढ़ती है और त्वचा संबंधी विकार दूर होते हैं. इसके अलावा यह शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण को ठीक करने में कारगर माना जाता है.
पेट संबंधी विकारों में लाभकारी
चिरायता पेट की समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है. यह पेट में मौजूद कीड़ों को मारता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है. जिन लोगों को अपच, गैस, कब्ज, या भूख न लगने की समस्या होती है, वे इसका सेवन कर सकते हैं. यह लीवर को मजबूत बनाता है और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद माना जाता है.
सेवन की विधि
चिरायता का उपयोग करने के लिए इसे रातभर पानी में भिगोकर रखना चाहिए. एक गिलास पानी में थोड़ा सा चिरायता डालें और सुबह इसे छानकर खाली पेट पिएं. इसका सेवन नियमित रूप से 15 दिन से 1 महीने तक करने से शरीर में स्पष्ट लाभ दिखाई देता है. हालांकि इसे अत्यधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह अत्यंत प्रभावशाली होता है.
गर्मियों में उपयोगी सर्दियों में नहीं
आयुर्वेद के अनुसार चिरायता का सेवन ठंड के मौसम में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी प्रकृति ठंडी होती है. यह गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है और गर्मी जनित बीमारियों जैसे बुखार, त्वचा संक्रमण और पेट की समस्याओं को ठीक करता है.
चिरायता एक प्राकृतिक औषधि है, जो शरीर को अंदर से साफ करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसके सेवन से पेट के विकार त्वचा रोग, रक्त अशुद्धता और संक्रमण जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. हालांकि इसका सेवन सही मात्रा में और सही मौसम में करना आवश्यक है. यदि इसे नियमित रूप से लिया जाए, तो यह कई रोगों से बचाव कर सकता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है.
Faridabad,Haryana
March 11, 2025, 19:50 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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