Last Updated:
Triphala Health Benefits: त्रिफला चूर्ण का सेवन करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. त्रिफला चूर्ण आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलाकर बनाया जाता है. यह चूर्ण पाचन तंत्र को साफ करने, कब्ज दूर करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहद असरदार माना जाता है. रात में गुनगुने दूध के साथ 1 चम्मच त्रिफला लेने से आंतों की सफाई होती है, गैस और पेट दर्द कम होता है और शरीर से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लावोनॉइड्स पाचन मजबूत करते हैं.
Triphala Benefits for Constipation: मॉडर्न लाइफस्टाइल का सीधा असर सेहत पर देखने को मिल रहा है. भागदौड़ भरी जिंदगी, अनहेल्दी खानपान और हद से ज्यादा स्ट्रेस लेने से सेहत को गंभीर नुकसान हो रहे हैं. इन चीजों का सबसे ज्यादा असर पाचन तंत्र पर हो रहा है और कब्ज की समस्या बढ़ रही है. इसे अंग्रेजी में कॉन्स्टिपेशन कहा जाता है. कब्ज के कारण लोगों की जिंदगी मुश्किल हो जाती है और इससे छुटकारा पाना आसान नहीं होता है. आयुर्वेद में कब्ज से छुटकारा पाने के कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें दूध के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करना भी एक उपाय है. अगर आप रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन कर लें, तो इससे आपका पेट बिल्कुल साफ हो जाएगा और आपकी इम्यूनिटी बूस्ट हो जाएगी.
आयुर्वेद एक्सपर्ट्स की मानें तो आयुर्वेद का सदियों पुराना खजाना त्रिफला हमारे स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है. त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है, जिसमें आंवला, हरड़ और बहेड़ा होता है. इन तीनों का मिश्रण सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पेट और पाचन तंत्र की सफाई और मजबूती में भी अद्भुत काम करता है. आंवला विटामिन सी का खजाना है. यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और पेट के अंदर होने वाले सूजन और संक्रमण से लड़ता है. जब आंवला त्रिफला में शामिल होता है, तो यह शरीर को प्राकृतिक तरीके से साफ रखने में मदद करता है.
हरड़ स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन आंतों के अंदर जमा गंदगी और टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है. यह कब्ज और गैस जैसी समस्याओं को तुरंत कम करता है. जबकि बहेड़ा स्वाद में थोड़ा सा खट्टा और कड़वा होता है और यह पेट के अंदर बैक्टीरिया और हानिकारक सूक्ष्मजीवों को खत्म करता है. इसका सेवन करने से आंतों की सफाई होती है और पाचन तंत्र मजबूत बनता है. वैज्ञानिक रिसर्च की मानें तो त्रिफला में मौजूद फ्लावोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पेट की सूजन को कम करते हैं, आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया बढ़ाते हैं और शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं. यही कारण है कि अगर इसे नियमित रूप से लिया जाए, तो कब्ज, गैस, पेट दर्द जैसी परेशानियां कम हो जाती हैं.
इसे चूर्ण के रूप में पानी के साथ लिया जा सकता है या फिर रात को दूध में घोलकर पिया जा सकता है. आयुर्वेद में इसे अमृत के समान माना गया है, क्योंकि दूध के साथ लेने पर त्रिफला की ताकत बढ़ जाती है और यह पाचन शक्ति को और मजबूत करता है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं. यह पेट की सफाई के साथ-साथ आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है. आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला शरीर के तीनों दोष वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है, जिससे शरीर स्वस्थ बनता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-surprising-benefits-of-taking-triphala-powder-at-night-with-warm-milk-natural-remedy-for-constipation-ws-n-9873238.html







