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Micro Robots For Cholesterol Removal: अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसे माइक्रो रोबोट बनाए हैं, जो खून की धमनियों में जमे प्लाक को हटा सकते हैं. ये रोबोट धमनियों में घुसकर अपना काम करते हैं और फिर वहीं घुल जाते हैं. इ…और पढ़ें

माइक्रो स्विमर रोबोट्स नसों में घुसकर प्लाक साफ कर देते हैं.
हाइलाइट्स
- माइक्रो रोबोट्स नसों में प्लाक हटाकर हार्ट डिजीज का खतरा कम करेंगे.
- ये रोबोट खून की धमनियों में घुसकर प्लाक को ढीला करके हटा देते हैं.
- रोबोट्स बायोडिग्रेडेबल हैं और अपने काम के बाद शरीर में घुल जाते हैं.
Microwimmer Robots To Remove Cholesterol: जब हमारे खून की नसों में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तब यह प्लाक के रूप में जमा होने लगता है. इससे धमनियों में ब्लड फ्लो प्रभावित होने लगता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए लोगों को रोज दवा लेनी पड़ती है और सीवियर मामलों में सर्जरी के जरिए खून की धमनियों से प्लाक हटाया जाता है. हालांकि अब वैज्ञानिकों ने माइक्रोस्विमर रोबोट तैयार किए हैं, जो चींटी से भी कई गुना छोटे हैं. ये माइक्रो रोबोट खून में नसों में घुसकर जमे हुए प्लाक को साफ कर सकते हैं. इससे हार्ट डिजीज से बचाव हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सर्जरी किए बिना खून की धमनियों से प्लाक हटाने में ये माइक्रो रोबोट्स बेहद असरदार हो सकते हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार माइक्रोस्विमर रोबोट्स पहले खून की धमनियों में जमे कड़े प्लाक को ढीला करते हैं और फिर एक सूक्ष्म ड्रिल की सहायता से उसे पूरी तरह हटा देते हैं. यह प्रक्रिया बेहद सटीक और बिना किसी सर्जरी के पूरी होती है. खास बात यह है कि ये रोबोट पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल हैं. आसान भाषा में कहें तो ये रोबोट अपना काम करने के बाद शरीर में घुलकर खत्म हो जाते हैं और इनके घुलने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है. इन रोबोट में एंटीकोआगुलेंट्स यानी खून को जमने से रोकने वाली दवाएं भी भरी होती हैं जो प्लाक हटाने के बाद धीरे-धीरे रिलीज होती हैं. इससे भविष्य में ब्लड वेसल्स के दोबारा सिकुड़ने का खतरा काफी कम हो जाता है और दिल को हेल्दी रखने में मदद मिलती है.
फिलहाल इन माइक्रोस्विमर रोबोट्स का ट्रायल केवल आर्टिफिशियल ब्लड वेसल्स (artificial vessels) में किया गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक के नतीजे काफी उत्साहजनक रहे हैं. अब तक के ट्रायल्स में देखा गया कि रोबोट्स न केवल टारगेटेड जगह तक पहुंचने में सक्षम हैं, बल्कि वहां पर कुशलता से प्लाक को ढीला करने और हटाने का काम सफलतापूर्वक करते हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो अगले कुछ सालों में इसका पहले जानवरों पर और फिर इंसानों पर ट्रायल किया जा सकेगा. अगर यह तकनीक मानव शरीर में भी उतनी ही प्रभावी और सुरक्षित साबित होती है, तो यह हार्ट डिजीज के इलाज में एक बड़ी क्रांति हो सकती है. इससे न केवल सर्जरी की जरूरत कम होगी, बल्कि इलाज की प्रक्रिया भी काफी आसान, सुरक्षित और किफायती बन सकती है.

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-scientist-developed-microswimmer-robots-remove-cholesterol-plaque-without-surgery-know-details-ws-kl-9297946.html