खजूर की तरह दिखने वाले छुआरे सर्दियों में खासतौर पर खाए जाते हैं, लेकिन अक्सर लोगों को यह समझ नहीं आता कि काले छुआरे ज्यादा फायदेमंद होते हैं या पीले छुआरे. दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, मगर इनके गुण, स्वाद और असर अलग-अलग होते हैं. सही तरीका जानकर सेवन किया जाए तो ये शरीर को बेहद फायदे देते हैं. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए छुआरा सर्दियों में ताकत देने वाला सुपरफूड माना जाता है.
काले छुआरे प्राकृतिक रूप से सुखाए हुए खजूर होते हैं, जिनमें शुगर कम और फाइबर ज्यादा होता है. यह खासतौर पर एनिमिया, कमजोरी, थकान और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में अच्छा माना जाता है. इसमें आयरन की मात्रा ज्यादा होने के कारण हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ता है. काले छुआरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह शरीर को धीरे-धीरे गर्माहट देता है और लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखता है. इसके नियमित सेवन से पाचन मजबूत होता है और कब्ज में राहत मिलती है. डायबिटीज वाले लोग भी इसे सीमित मात्रा में खा सकते हैं, क्योंकि इसमें नेचुरल शुगर होती है जो ब्लड शुगर को बहुत तेजी से नहीं बढ़ाती.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, वहीं पीले छुआरे दिखने में मुलायम और मीठे होते हैं. इनमें नेचुरल शुगर और कार्बोहाइड्रेट अधिक होते हैं, इसलिए यह तुरंत एनर्जी देने के लिए बेहतरीन माने जाते हैं. कमजोर, दुबले-पतले लोगों और बच्चों में वजन बढ़ाने के लिए पीले छुआरे बेहतर विकल्प हैं. इनमें कैल्शियम और फॉस्फोरस काफी होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. सर्दियों में पीले छुआरे खाने से शरीर की सूजन कम होती है और जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है. इसके अलावा यह स्किन ग्लो बढ़ाता है और बालों के लिए भी फायदेमंद है.
छुआरे का सही तरीका जानना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि गलत समय पर खाना शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है. सबसे अच्छा तरीका है कि काले या पीले छुआरे को रातभर दूध या पानी में भिगोकर सुबह नरम होने पर खाना. इससे ये आसानी से पच जाते हैं और पोषक तत्व शरीर में जल्दी अवशोषित होते हैं. सर्दियों में लोग अक्सर दूध में छुआरे उबालकर पीते हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा और गर्मी देता है. ठंड लगना, हाथ-पैर ठंडे रहना या कमजोरी महसूस होने पर यह उपाय बहुत लाभदायक होता है. बच्चों को सप्ताह में दो से तीन बार छुआरे वाला दूध दिया जा सकता है.
काले और पीले छुआरों में से कौन-सा बेहतर है, यह आपके शरीर की जरूरत पर निर्भर करता है. अगर आपको खून की कमी, कमजोरी, कब्ज या इम्यूनिटी की दिक्कत है, तो काला छुआरा ज्यादा फायदेमंद है. वहीं जिन लोगों को वजन बढ़ाना है, तुरंत ऊर्जा चाहिए या हड्डियों की कमजोरी हो रही है, उनके लिए पीला छुआरा सही विकल्प है. दोनों को एक साथ भी खाया जा सकता है, लेकिन मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए. रोजाना 2–3 काले या पीले छुआरे पर्याप्त हैं.
ध्यान रखने वाली बात यह है कि जिन लोगों को पित्त बढ़ने की समस्या, शरीर में अत्यधिक गर्मी, मुंह में छाले या पेट में जलन की दिक्कत होती है, उन्हें छुआरे बहुत हल्की मात्रा में खाने चाहिए. रात में सोने से पहले छुआरे न खाएं, क्योंकि इससे पाचन धीमा हो सकता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-black-or-yellow-chuaare-in-winter-know-the-right-way-and-benefits-ws-ekl-9945975.html







