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क्या डायबिटीज रोगियों को कच्चा नारियल खाना चाहिए या नहीं? इसपर अक्सर लोग कंफ्यूजन होते हैं. आइए देखें कि डॉक्टर क्या कहते हैं.

हमारे देश के कई राज्यों में नारियल का इस्तेमाल खाना पकाने में किया जाता है. यह व्यंजनों को एक खास स्वाद और सुगंध देता है. नारियल का दूध या सूखे नारियल का पाउडर कई तरह के वेज और नॉन-वेज व्यंजनों में मिलाया जाता है. हालांकि, कुछ लोग कच्चा नारियल भी खाते हैं. इसमें कैलोरी और संतृप्त वसा की मात्रा ज़्यादा होती है. हालांकि, मधुमेह के रोगी इससे दूर रहते हैं. क्या मधुमेह रोगियों को सचमुच कच्चा नारियल नहीं खाना चाहिए? आइए देखें कि डॉक्टर क्या कहते हैं.
डायबिटीज में कच्चा नारियल खाएं या नहीं: मधुमेह के रोगियों को कच्चा नारियल खाने से कोई समस्या नहीं होगी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होता है. यह थोड़ी सी कार्बोहाइड्रेट मात्रा भी ज़्यादातर फाइबर से आती है. यह पाचन क्रिया को धीमा करता है और ब्लड शुगर के स्तर को अचानक बढ़ने से रोकता है.

इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है. इसलिए मधुमेह के मरीज़ इसे खाने पर भी कोई दिक्कत नहीं होती है. हालांकि, अगर वे ज़्यादा खा लें, तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. क्योंकि, इसमें मौजूद कैलोरी और संतृप्त वसा हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं. आइए जानें कि नारियल मधुमेह के लिए क्यों अच्छा है.

फाइबर से भरपूर: नारियल में मौजूद आधे से ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट फाइबर से आते हैं. फाइबर पाचन क्रिया को धीमा कर देता है. यह खाने के बाद ब्लड शुगर में अचानक वृद्धि को रोकता है. यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद करता है.

कम ग्लाइसेमिक प्रभाव: ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अध्ययनों से पता चलता है कि नारियल का रेशा खाद्य पदार्थों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करता है. इसका मतलब है कि नारियल आपके रक्तप्रवाह में धीरे-धीरे शर्करा छोड़ता है. इससे रक्त शर्करा स्थिर रहती है.

पेट भरा हुआ महसूस होना: नारियल में मौजूद फाइबर और संतृप्त वसा का संयोजन आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. यह आपको ज़्यादा स्नैक्स खाने से रोकता है. यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो वज़न कम करना चाहते हैं. यह टाइप 2 डायबिटीज़ को नियंत्रित करता है. नारियल में मौजूद मध्यम-श्रृंखला वसा, वसा के रूप में जमा होने के बजाय, ऊर्जा के लिए उपयोग की जाती है.

पोषक तत्वों से भरपूर: नारियल में मैंगनीज, कॉपर और आयरन जैसे खनिज होते हैं. ये सूक्ष्म पोषक तत्व शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए ज़रूरी हैं. इन पोषक तत्वों की मौजूदगी नारियल को मीठे या प्रोसेस्ड स्नैक्स की तुलना में एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बनाती है.

मधुमेह रोगियों को नारियल कैसे खाना चाहिए: नारियल पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन इसमें कैलोरी और संतृप्त वसा की मात्रा ज़्यादा होती है. इसका ज़्यादा सेवन हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है. किसी भी समस्या से बचने के लिए, केवल 30-40 ग्राम (लगभग 2-3 बड़े चम्मच कसा हुआ नारियल) ही खाएं. इसके अलावा, बाज़ार से खरीदे गए नारियल के गुच्छे या मिठाइयों से भी दूर रहें, क्योंकि ये आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं.

स्वादिष्ट स्वाद के लिए कद्दूकस किया हुआ नारियल कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीज़ों जैसे सब्ज़ियों की करी या सलाद में डालें. संतृप्त वसा कम करने के लिए इसे जैतून के तेल या मेवों जैसे स्वास्थ्यवर्धक वसा के साथ मिलाएं. नारियल खाने के बाद अपने ब्लड शुगर स्तर की जांच करें और देखें कि आपका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है. अगर आपको कोई फ़र्क़ नज़र आए, तो नारियल का सेवन बंद कर दें.
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