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कैसे डोपामिन अब आपके दिमाग और शरीर के साथ खेल रहा है. देश की जानी-मानी न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर श्वेता सिंगला ने जो भी बताया है आपके लिए यह सब कुछ जानना बेहद जरूरी है.
लेकिन यह जितनी भी इनफॉरमेशन आम लोगों के पास आई है. ज्यादातर लोगों के पास यहां तो डोपामिन पर आधी अधूरी ही जानकारी है या तो कई लोगों के पास जो जानकारी है वह सही नहीं है. इसलिए जब हमने देश की टॉप न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता सिंगला से इस पर बात की तो आए आपको इस लेख में आगे विस्तार से बताते हैं उन्होंने डोपामिन पर हमें क्या कुछ बताया.
डॉ. श्वेता ने बताया कि डोपामीन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क में विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार है, जैसे कि प्रेरणा, पुरस्कार, गति और भावनाओं को नियंत्रित करना. उनका यह भी कहना था कि दरअसल डोपामीन एक रासायनिक संदेशवाहक (न्यूरोट्रांसमीटर) है जो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश पहुंचाने का काम करता है.
इसे अक्सर फील-गुड न्यूरोट्रांसमीटर भी कहा जाता है क्योंकि यह आनंद, प्रेरणा और व्यवहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके बारे में और जानकारी देते हैं डॉ. श्वेता नहीं है कहा कि डोपामीन रिसेप्टर्स के पाँच मुख्य प्रकार (D1, D2, D3, D4, और D5) होते हैं, जो दो मुख्य उपवर्गों में बांटे गए हैं: D1-जैसे (D1 और D5) और D2-जैसे (D2, D3, और D4) रिसेप्टर्स. ये रिसेप्टर्स कोशिकाओं की सतह पर लॉकों की तरह काम करते हैं, और जब डोपामीन इन पर बंधता है, तो यह कोशिकाओं के अंदर रासायनिक सिग्नल को ट्रिगर करता है.
डॉ. श्वेता ने बाद के अंतिम दौर में काफी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि डोपामिन इस वक्त लोगों के दिमाग और उनकी प्रतिक्रियाओं के साथ खेल रहा है. उनका साफ तौर पर कहना था कि इस वक्त लोग डोपामिन को ज्यादा से ज्यादा अपने दिमाग में ट्रिगर करवा रहे हैं, वह किसी न किसी ऐसी चीज में इस तरह से लगे हुए हैं जिससे उन्हें काफी संतुष्टि मिल रही है या फिर वह उससे काफी एक्साइट हो रहे हैं और वह लगातार अपने दिमाग में डोपामिन को ट्रिगर कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा लग रहा है.
उनका आगे यह कहना था कि डोपामिन लोगों के दिमाग में पहले भी ट्रिगर होता था लेकिन इस समय इतनी चीज़ें हो रही हैं कि आप 1 घंटे में ही इतना डोपामिन अपने दिमाग में ट्रिगर कर रहे हैं, जिसके लक्षण बाद में जाकर अच्छे नहीं होंगे. वहीं अंत में उनका कहना था कि इसलिए आज के समय में ज्यादातर लोग अपनी खराब मेंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं. क्योंकि वह इतने डोपामिन के आदी हो चुके हैं कि जब भी उनको अब डोपामिन में नहीं मिलता है तो वह डिप्रेस्ड, इरिटेटेड और फ्रस्ट्रेटेड होना शुरू कर देते हैं और यही मुख्य कारण होते हैं किसी की भी मेंटल हेल्थ खराब होने के.
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https://hindi.news18.com/news/delhi/dopamine-playing-know-expert-gave-important-information-local18-ws-l-9618093.html