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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बेहद खराब या खतरनाक स्टेज में पहुंचे एक्यूआई की वजह से आंखों में खुजली और जलन, आंखों से पानी आना या लाल होने की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. लगातार प्रदूषण में आंखों में एलर्जी बढ़ने से कुछ लोगों को तो सिरदर्द भी होने लगा है. दिल्ली एम्स आरपी सेंटर के पूर्व चीफ और देश के टॉप आई डॉक्टर जीवन एस तितियाल ने इस पॉल्यूशन में आंखों को बचाने वाली 3 रामबाण आई ड्रॉप्स को डालने की सलाह दी है. ये स्टेरॉइड फ्री आई ड्रॉप्स हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में…

पॉल्यूशन में आंखों में हो रही जलन, खुजली, आंखों से पानी आना और लाल होने की परेशानी में आपको सीधे डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है. आप घर पर रहकर भी इस बीमारी को ठीक कर सकते हैं. इसके लिए आपको स्टेरॉइड फ्री आई ड्रॉप बाजार से खरीदकर आंख में डाल सकते हैं और इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं.

एम्स आरपी सेंटर नई दिल्ली के पूर्व चीफ और देश के टॉप आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर जीवन एस तितियाल News18hindi से बातचीत में बताते हैं कि प्रदूषण में आंखों की देखभाल बहुत जरूरी है. एक बार आंख में परेशानी शुरू हुई तो वह गंभीर बीमारी तक बन सकती है. इसलिए जैसे ही आंखों में जलन, खुजली, पानी आना या लालिमा जैसे लक्षण दिखें तो आप ये स्टेरॉइड फ्री सॉल्ट वाली दवाएं ले सकते हैं.

डॉ. तितियाल बताते हैं कि लोग ओब्लिक लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स खरीद सकते हैं. ये स्टेरॉइड फ्री दवा है और इसे आंखों में 3 से 4 बार रोजाना डाल सकते हैं. इससे आपको आराम मिलेगा. अगर आप पहले से आंखों की कोई दवा डाल रहे हैं तो यहां बताई गई दवाएं आप अपनी पुरानी बीमारी वाली आई ड्रॉप से आधा घंटा पहले या आधा घंटा बाद डाल सकते हैं.
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इसके अलावा सोडियम हाइल्यूरोनेट आई ड्रॉप्स भी बाजार से खरीद सकते हैं. यह भी आंखों की पॉल्यूशन वाली एलर्जी और ड्राई आईज में आराम देती है. ध्यान रहे यहां बताई जा रही कोई भी आई ड्रॉप को एक बार खोलने के बाद सिर्फ एक महीने के अंदर ही इस्तेमाल करें. एक महीना होने पर दूसरी आई ड्रॉप खरीदें. साथ ही इस्तेमाल के बाद इस आई ड्रॉप को रेफ्रिजरेटर में 4 डिग्री सेंटीग्रेट के तापमान पर रखें.

तीसरी दवा है आर्टिफिशियल टियर्स यानि सीएमसी ड्रॉप्स. ये सभी सॉल्ट हैं, इनके ब्रांड नेम अलग-अलग हो सकते हैं. ये सॉल्ट सस्ती जेनरिक दवाओं में भी जन औषधि केंद्रों पर भी उपलब्ध होते हैं. ऐसे में इन्हें आप ले सकते हैं और जब तक दिल्ली -एनसीआर में प्रदूषण है, तब तक दो-3 महीने तक आप इन्हें लगातार डाल सकते हैं.

डॉ. तितियाल कहते हैं कि दवा को आंख में डालने से पहले हाथों को साफ रखें, चेहरा भी धोएं. जब भी आप घर से बाहर निकलें या वॉक पर जाएं तो ड्रॉप डाल लें. ऑफिस में काम शुरू करने से पहले ड्रॉप डाल सकते हैं. घर से बाहर निकलें तो गॉगल्स जरूर पहनें. यह दवा हर 6 घंटे के गैप पर डाली जा सकती है और स्वस्थ आंखों में भी डाली जा सकती है. यह ड्राई आईज को भी रोकती है. बस ध्यान रखें स्टेरॉइड ड्रॉप्स न लें.

डॉ. तितियाल कहते हैं कि सिर्फ प्रदूषण ही नहीं अगर आप ऑफिस में काम करते हैं, स्क्रीन टाइम ज्यादा है या फोन देखते हैं तो भी आपको ये आर्टिफिशियल टियर्स आई ड्रॉप्स इस्तेमाल करनी चाहिए, ताकि आपको ड्राई आईज की परेशानी न को. ड्राई आईज में आंखों में खुजली होती है जो बाद में आंखों की अंदरूनी परतों को भी डैमेज कर सकती है.
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