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Fibrolamellar carcinoma Symptoms: लिवर कैंसर की शुरुआत आमतौर पर बहुत ही मामूली लक्षणों से होती है. कई बार ये संकेत एसिडिटी के रूप में भी बार-बार सामने आते हैं.
Liver Cancer Ke Lakshan: कैंसर से मौत अब कोई नयी या चौंकाने वाली बात नहीं रह गयी है. हर साल लाखों लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं. लेकिन अब परेशानी का सबसे बड़ा कारण मामूली लक्षणों के साथ शुरू होने वाले रेयर टाइप के कैंसर बन रहे हैं. ऐसे कैंसर में मरीज को लंबे समय तक जरूरी इलाज नहीं मिल पाता है, और जब तक कैंसर का पता चलता है तब तक बीमारी अपने सबसे आक्रामक स्तर पर पहुंच चुकी होती है.
ऐसा ही कुछ आयरलैंड में रहने वाली 21 साल की शार्लट सैविल के साथ हुआ. सैविल के भाई द्वारा लोकल मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, वह एक जिंदादिल लड़की थी. कैंसर से लड़ते वक्त भी वो हमेशा खुश रही, उसे देखकर कोई नहीं कह पाता था कि वो रेयर कैंसर से जूझ रही हैं, जो कई हिस्सों में फैल चुका था. सैविल को अपने कॉलेज के दूसरे साल में लिवर से संबंधित फाइब्रोलेमेलर कार्सिनोमा नाम से जाने जाने वाला रेयर कैंसर हुआ था. जिसके लक्षणों को समय रहते पहचानने में डॉक्टर भी चूक गए, जिसके कारण 16 महीने तक कैंसर से लड़ने के बाद 22 साल की उम्र में शार्लट की जान चली गयी.
5 मिलियन में से सिर्फ 1 को होता है ये कैंसर
फाइब्रोलेमेलर कार्सिनोमा एक रेयर लिवर कैंसर है. यह कैंसर लगभग हर पांच मिलियन में सिर्फ एक व्यक्ति को ही होता है. इस कैंसर की सबसे खास बात ये है कि ये सिर्फ युवा व्यक्तियों में ही होता है. इसके होने की सबसे अधिक संभावना 13-25 की उम्र के बीच रहती है. शुरुआती स्टेज में इस कैंसर के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं नजर आते हैं, और यही एक चीज इस कैंसर को कई गुना खतरनाक बनाती है.
शरीर में बना 7.5 का कैंसर ट्यूमर
सैविल के भाई ने बताया कि लगभग नौ महीनों तक डॉक्टर इसे एसिडिटी या सामान्य पेट की समस्या समझते रहे. लेकिन जब आखिरकार CT स्कैन हुआ, तो पता चला कि उनके लिवर में 7.5 किलो का ट्यूमर है, जबकि सैविल का खुद का वजन सिर्फ 45 किलो था.
बीमारी पर नहीं दिखता है इलाज का असर
फाइब्रोलेमेलर कार्सिनोमा को पहली बार में अक्सर डॉक्टर्स क्रोहन डिजीज,लैक्टोज इनटॉलरेंस या पाचन की समस्या समझने की भूल कर बैठते हैं. क्योंकि इसके लक्षण बिल्कुल भी अलग नहीं होते हैं.ये कैंसर बाकी कैंसर से ज्यादा जानलेवा माना जाता है, क्योंकि इसपर कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी का असर बहुत कम होता है.ऐसे में इस कैंसर के मरीज बीमारी शुरू होने के बाद आमतौर पर 1 साल से ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाते हैं.
बहन की याद में भाई पूरा कर रहा साइकिलिंग चैलेंज
सैविल की याद में उनका भाई टॉम अब मोरक्को से ब्रिटेन तक 2,700 किमी साइकिलिंग चैलेंज पूरा कर रहे हैं, ताकि इस बीमारी पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों के लिए धन जुटाया जा सके. यह शोध उन लोगों के लिए उम्मीद बन सकता है, जिनमें यह कैंसर शुरुआती स्टेज में पकड़ में आ जाए.

शारदा सिंह बतौर सीनियर सब एडिटर Bharat.one Hindi से जुड़ी हैं. वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्यू पर आधारित रिपोर्ट्स बनाने में एक्सपर्ट हैं. शारदा पिछले 5 सालों से मीडिया …और पढ़ें
शारदा सिंह बतौर सीनियर सब एडिटर Bharat.one Hindi से जुड़ी हैं. वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्यू पर आधारित रिपोर्ट्स बनाने में एक्सपर्ट हैं. शारदा पिछले 5 सालों से मीडिया … और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-rare-liver-cancer-kills-22-year-old-woman-with-7-kg-tumor-starting-with-symptoms-like-acid-reflux-ws-l-9856222.html







