नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने Bharat.one को बताया कि H3N2 इन्फ्लुएंजा A वायरस का एक टाइप है, जो हर साल मौसम बदलने पर एक्टिव हो जाता है. मानसून के बाद जलभराव, नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण यह वायरस तेजी से फैलता है. यह वायरस हवा के जरिए फैलता है और खांसी, छींक या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे लोगों में फैल जाता है. इस वक्त अस्पताल में इस फ्लू के मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं. यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर जल्दी अटैक करता है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या सांस की दिक्कतों वाले लोगों में यह संक्रमण गंभीर हो सकता है. ऐसे में इससे बचाव जरूरी है.
एक्सपर्ट ने बताया कि आमतौर पर फ्लू कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन H3N2 फ्लू के मामले में रिकवरी में ज्यादा समय लग रहा है. कुछ मरीजों को तो अस्पताल में भर्ती तक करना पड़ा है. जो लोग पहले से अस्थमा, डायबिटीज या हार्ट संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, ऐसे लोग संक्रमित होने पर डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराएं. बच्चों में यह संक्रमण तेज़ बुखार और शरीर में कमजोरी लाता है, जबकि बुजुर्गों में यह सांस की गंभीर समस्या और निमोनिया में बदल सकता है. हर व्यक्ति को इस वायरस के प्रति सतर्क रहना चाहिए. लापरवाही से यह बीमारी न सिर्फ खुद के लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा बन सकती है.
डॉक्टर रावत के अनुसार H3N2 से बचाव के लिए हर साल फ्लू की वैक्सीन जरूर लगवाएं . यह संक्रमण को रोकने या उसकी गंभीरता को कम करने में मदद करती है. इस फ्लू के लक्षण दिखते ही खुद को आइसोलेट करें, दूसरों से दूरी बनाएं और आराम करें. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें. खासकर मेट्रो, बाजार या ऑफिस में लोगों से दूरी बनाएं. साफ-सफाई का ध्यान रखें. बार-बार हाथ धोएं, सैनिटाइजर इस्तेमाल करें और चेहरे को बार-बार न छुएं. इसके अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने वाली डाइट लें. अपनी डाइट में हरी सब्जियां, प्रोटीन युक्त आहार, दही, हल्दी दूध और गर्म पानी पिएं.
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