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Health Tips:आयुर्वेद द्वारा सुझाए गए इन सरल नियमों का पालन कर हम कार्तिक माह को निरोगी और स्वस्थ बना सकते हैं. और भारतीय परंपराओं के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सकते हैं.
कोरबा: हिंदी मासानुसार पवित्र कार्तिक माह का आरंभ हो चुका है, और यह माह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखता है.आयुर्वेद में प्रत्येक माह के लिए विशिष्ट खान-पान और जीवनशैली का वर्णन किया गया है, जिसे अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं. इसी विषय पर छत्तीसगढ़ प्रांत के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक और नाड़ी वैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि भारतीय परंपरा में ऋतुचर्या यानी मौसम के अनुसार खान-पान और दिनचर्या का पालन करने की पुरानी और वैज्ञानिक परंपरा रही है.
इन चीजों से करें परहेज
इस माह में मट्ठा ,छाछ का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.मट्ठा इस अवधि में पित्त को बढ़ा सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसके अलावा, कार्तिक मास में दाल का सेवन भी वर्जित बताया गया है. इनका सेवन है लाभकारी कार्तिक मास में मूली एवं आंवले का सेवन हितकारी होता है.विशेष रूप से जिमीकंद (सूरन) का सेवन सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी बताया है. इस माह में रसायन के रूप में च्यवनप्राश का तथा हरीतकी (हरड़) का सममात्रा में शर्करा के साथ सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए उत्तम है. इस माह में तेज धूप, ओस और पूर्वी हवाओं से बचना चाहिए.दिन में सोना भूख लगे बिना भोजन करना एवं अधिक व्यायाम करने से भी परहेज करना चाहिए.
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह…और पढ़ें
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह… और पढ़ें
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