आयुर्वेद के अनुसार सुबह का समय योग के लिए अच्छा माना गया हैहमारे बाहर का ब्रह्मांड हमारे भीतर पैटर्न की नकल करता है उसी हिसाब से योग करना चाहिए
Exercise According To Ayurveda: आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं- वात, पित्त और कफ जिसे त्रिदोष भी कहा जाता है. कफ दोष में पृथ्वी और जल का तत्व होता है. वात दोष में हवा का तत्व है और पित्त को अग्नि से पहचाना गया है. हमारे बाहर का ब्रह्मांड हमारे भीतर पैटर्न की नकल करता है. सूर्य के चक्रों से हम समझ सकते हैं कि हमारे शरीर के अंदर क्या हो रहा है और इस प्रकार हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि दिन के किसी विशेष समय के लिए कौन सी गतिविधि सबसे उपयुक्त होती है.
सुबह 6 से 10 बजे (सुबह का कफ चरण)
इस समय सुबह सूर्य उदय होता है, ग्रह भी ठंडा होता है, इसी तरह हमारे शरीर की पाचन वातावरण नम और सुस्त होता है. जब आप इस समय पर व्यायाम करते हैं तो खुद को जगाते हैं यानी आप अपनी अग्नि को जगाते हैं. यह जोड़ों को गर्म करता है, और शरीर के सभी तरल पदार्थों को गति देता है.
दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक (दिन का वात समय)
इस दौरान सूर्य भी तेज रहता है और धीरे-धीरे ढलता है. ठंडी और हवादार ऊर्जा पूरे ग्रह में फैल जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, इस दौरान ताजी हवा लें, लंबी गहरी सांसें लें और उत्तेजक पुदीना या तुलसी की चाय पिएं. आप इस समय भी योग कर सकते हैं लेकिन सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है.
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