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Health Tips : ये पहाड़ी अनाज… झटपट करेगा वजन और शुगर कंट्रोल! हार्ट और पेट के लिए रामबाण – Uttarakhand News


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Health Tips : पहाड़ी इलाकों में उगने वाला झंगुरा (बरनयार्ड मिलेट) सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. यह मोटा अनाज वजन और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. फाइबर और मिनरल्स से भरपूर झंगुरा पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और दिल की सेहत के लिए भी रामबाण माना जाता है. नियमित सेवन से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है.

ऋषिकेश : स्वस्थ जीवन के लिए सही आहार का चुनाव करना बेहद जरूरी है. हर उम्र के व्यक्ति को पोषण और ऊर्जा देने वाले भोजन की आवश्यकता होती है. ऐसे में झंगुरा, जिसे कुटकी या बर्णयार्ड मिलेट भी कहा जाता है, हमारे स्वास्थ्य के लिए एक वरदान साबित हो सकता है. यह अनाज न केवल आसानी से पचता है, बल्कि इसमें अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के कई अंगों के लिए लाभकारी हैं. झंगुरा का सेवन विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव करने में मदद करता है और इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करना स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक सरल और प्रभावी तरीका है.

Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान डॉ. राजकुमार (आयुष) ने कहा कि झंगुरा में प्रोटीन की मात्रा काफी अच्छी होती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और शरीर की मरम्मत में सहायक होती है. इसके अलावा इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाव करता है. फाइबर युक्त भोजन लंबे समय तक पेट को भरा रखता है, जिससे अनावश्यक भूख नहीं लगती और वजन नियंत्रित रहता है. झंगुरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने नहीं देता और मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है.

इन बीमारियों में कारगर
स्वास्थ्य लाभ केवल पाचन तक ही सीमित नहीं हैं. झंगुरा में कैल्शियम और आयरन की भी पर्याप्त मात्रा होती है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है. आयरन की मौजूदगी से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और थकान कम होती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों को नियंत्रित करते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं. झंगुरा में मौजूद पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में भी मदद करते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और हृदय से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम करता है.

ऐसे करें झंगुरा का इस्तेमाल
ग्लूटेन-फ्री होने के कारण झंगुरा उन लोगों के लिए सुरक्षित है, जिन्हें ग्लूटेन एलर्जी या सीलिएक रोग है. यह अन्य अनाजों का सुरक्षित विकल्प बन जाता है और इसे आसानी से विभिन्न व्यंजनों में शामिल किया जा सकता है. झंगुरा का आटा, खिचड़ी, उपमा, पुलाव या हलवा बनाकर इसे रोजाना खाया जा सकता है. इसके सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है, मन हल्का और ताजगी बनी रहती है. बच्चों, वृद्धों और कामकाजी लोगों सभी के लिए यह स्वास्थ्यवर्धक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है.

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मृत्‍युंजय बघेल

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें

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ये पहाड़ी अनाज… झटपट करेगा वजन और शुगर कंट्रोल! हार्ट और पेट के लिए रामबाण


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-jhangura-ke-fayde-kutki-barnyard-millet-ke-health-benefits-pachan-vajan-haddi-diabete-local18-9672193.html

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