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Dengue Prevention: राजधानी समेत आस-पास के इलाकों में डेंगू का प्रकोप क्यों बढ़ने लगा है. इसके पीछे क्या कारण है और इससे बचने के लिए क्या करें, आइए इसके बारे में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में से जानते हैं.

क्यों पेनकिलर देना है खतरनाक
डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि जब किसी को डेंगू होता है तो उसके खून में प्लेटलेट्स की कमी होने लगती है. प्लेटलेट्स खून में चिपचिपा जालीदार पदार्थ है. जब कहीं चोट लगती है यह खून की नलियां फट जाती है या कट जाती है प्लेटलेट्स तत्काल वहां जालीनुमा संरचना बनाने लगता है जिससे खून का बहना रुक जाता है. ऐसे में प्लेटलेट्स की कमी कितना खतरनाक हो सकता है, इसकी सहज ही कल्पना कर सकते हैं. मुश्किल ये है कि डेंगू में यही प्लेटलेट्स कम होने लगता है और जब कोई पेनकिलर दवा या नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी दवा खा लेता है तो यह प्लेटलेट्स और कम होने लगता है. एनएसएआईडी खून में एक एंजाइम साइक्लोऑक्सीजेनेज को ब्लॉक कर देता है. साइक्लोऑक्सीजेनेज थ्रोबॉक्सिन A2 को बनने से रोक देता है. लेकिन यही थ्रोबॉक्सिन A2 प्लेटलेट्स को जालीनुमा संरचना बनाने में मदद करता है. जब थ्रोबॉक्सिन A2 नहीं बनेगा तो प्लेटलेट्स का फंक्शन बेकाम को हो जाएगा और इसके साथ इसकी संख्या में तेजी से गिरावट आएगी.
फिर डेंगू मरीजों को क्या करना चाहिए
डंगू के गंभीर संकेत
उपर के लक्षणों के साथ जब पेट में तेज दर्द होने लगे, लगातार उल्टी हो, कहीं से भी ब्लीडिंग होने लगे, सांस लेने में तकलीफ हो, बहुत ज्यादा कमजोरी-थकान हो, बेचैनी हो तो यह डेंगू के गंभीर संकेत हैं. इस स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. यह भी ध्यान रखें कि अगर बुखार के साथ प्लेटलेट्स कम हो रहा है तो यह डेंगू नहीं है. यह मलेरिया या कुछ और बुखार है. डेंगू में जब बुखार उतर जाता है तब प्लेटलेट्स कम होता है.

डेंगू को मामूली न समझें
डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि यह बात ध्यान रखें कि डेंगू मामूली बुखार नहीं है. इसमें जान भी जा सकती है. इसलिए कभी भी इसमें लापरवाही नहीं बरतें. डेंगू की स्थिति में शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए. पानी पर्याप्त पीना चाहिए. घर के आसपास मच्छरों को पनपने से रोकने की कोशिश करना चाहिए.रात में मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए. साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए.

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