श्रीकाकुलम: बदलती आधुनिक जीवनशैली के साथ कई बीमारियां हमारे समाज में तेजी से फैल रही हैं. बीपी, डायबिटीज और हृदय रोग, जो कभी सिर्फ बुजुर्गों में देखे जाते थे, अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रहे हैं. इस बढ़ती समस्या का मुख्य कारण बढ़ता प्रदूषण, बदलती जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खाद्य आदतें हैं. जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड के नियमित सेवन से लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
मिलेट्स का महत्व
इन स्थितियों में मिलेट्स का महत्त्व बढ़ गया है. श्रीकाकुलम जिले के आसपास छोटे अनाज की खेती पहले से अधिक हो रही है. Bharat.one से बात करते हुए विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर सफेद चावल के बजाय डाइट में मिलेट्स को शामिल किया जाए, तो स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है.
क्यों खास है मिलेट्स
मिलेट्स जैसे ज्वार, बाजरा, कोदो और रागी को ‘सिरी अनाज’ कहा जाता है. पहले इन्हें पशु चारे के रूप में उपयोग किया जाता था, लेकिन अब ये हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं. ये अनाज प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भरपूर होते हैं और गेहूं से तीन से पांच गुना अधिक पोषक तत्व रखते हैं.
कम लागत, अधिक मुनाफा
इन अनाजों की खेती किफायती होती है और ये फसलें कम समय में तैयार हो जाती हैं. चावल और गेहूं की तुलना में इनकी खेती में कम उर्वरक और कीटनाशकों की जरूरत होती है. इन फसलों में किसी रासायनिक दवाओं का उपयोग नहीं होता, जिससे ये स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती हैं.
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डायबिटीज और वजन घटाने में मददगार
विशेषज्ञों का कहना है कि ये अनाज डायबिटीज और वजन घटाने के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. इनमें वसा (fat) की मात्रा कम होती है और फाइबर अधिक होता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं.
FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 17:36 IST
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