वाराणसी: मंकी पॉक्स के खतरे को लेकर भारत में भी अलर्ट जारी है. मंकी पॉक्स के संभावित इस खतरे के बीच बीएचयू के वैज्ञानिक ने बड़ा दावा किया है.आईएमएस बीएचयू के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर गोपालनाथ का दावा है कि चेचक का टीका मंकी पॉक्स को रोकने में कारगर है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने 1978 से पहले इस टीके को लिया है उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.
गोपालनाथ ने अनुसार,कई रिसर्च में इससे जुड़े तथ्य सामने आए हैं.
उन्होंने बताया कि 1978 के बाद जो लोग जन्मे है उन्हें मंकी पॉक्स से बचने से लिए चेचक का दो टीका एक महीने के भीतर लगवाना होगा.वहीं जो लोग 1978 से पहले चेचक का टीका ले चुके है उनके लिए इसकी एक डोज ही काफी है.
WHO के अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना
भारत में फिलहाल मंकी पॉक्स का कोई भी केस सामने नहीं आया है. लेकिन WHO के अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकन्ना है. देशभर के सभी एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वाले लोगो को निगरानी रखी जा रही है. गोपालनाथ ने बताया कि मंकी पॉक्स एक डीएनए वायरस है. जिसके लक्षण कोविड जैसे ही हैं. हालांकि इसे लेकर फिलहाल बहुत डरने की जरूरत नहीं है.कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करके मंकी पॉक्स को फैलने से रोका जा सकता है.
मार्च 2024 के बाद नहीं आए केस
बता दें कि साल 2022 में भारत में मंकी पॉक्स के मामले सामने आए थे. उस समय केसों की संख्या 30 दर्ज की गई थी. मार्च 2024 के बाद भारत में मंकी पॉक्स का कोई भी केस सामने नहीं आया है. इस साल मंकी पॉक्स के सबसे ज्यादा मामले अफ्रीकी देशों में आए है, जिससे भारत में भी इसको लेकर हलचल है.हालांकि की एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल इससे डरने जैसी कोई बात नहीं है.
FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 09:25 IST
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