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Mulethi Ke Fayde: आयुर्वेद में मुलेठी को सांस फूलने और गले की भारीपन जैसी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है. इसमें मौजूद प्राकृतिक गुण गले को आराम देते हैं और श्वसन तंत्र को सहारा देते हैं. सही मात्रा और तरीके से सेवन करने पर यह पुराना घरेलू नुस्खा राहत देने में मदद कर सकता है.

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, बढ़ते प्रदूषण और बदलते मौसम के कारण सांस फूलने, गले में भारीपन और सांस लेने में दिक्कत की समस्या आम होती जा रही है.हल्की सी सीढ़ी चढ़ने पर हांफ जाना या गले में लगातार अटकाव महसूस होना कई लोगों के लिए रोज़मर्रा की परेशानी बन चुका है.ऐसे में लोग तुरंत दवा का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसके लिए कुछ पुराने और सरल घरेलू उपाय भी बताए गए हैं, जिनका सही तरीके से उपयोग राहत दे सकता है.

आयुर्वेद में मुलेठी, जिसे यष्टिमधु भी कहा जाता है, सांस और गले से जुड़ी समस्याओं के लिए एक असरदार औषधि मानी जाती है.सदियों से इसका उपयोग खांसी, जुकाम, गले की खराश और सांस की नली की सूजन को शांत करने के लिए किया जाता रहा है. गांवों और पुराने घरों में आज भी मुलेठी को गले की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

मुलेठी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एक्सपेक्टोरेंट गुण गले और सांस की नली में जमी सूजन को कम करने में मदद करते हैं.यह बलगम को पतला करके बाहर निकालने में सहायक होती है, जिससे सांस की नली खुलती है. यही कारण है कि मुलेठी लेने के बाद गले में हल्कापन और सांस लेने में कुछ हद तक आसानी महसूस होती है.
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नियमित और सीमित मात्रा में मुलेठी के उपयोग से सांस फूलने की समस्या में धीरे-धीरे राहत मिल सकती है. इसके साथ ही गले की जलन, खराश और भारीपन भी कम होता है.जिन लोगों को मौसम बदलते ही खांसी या सांस से जुड़ी दिक्कत शुरू हो जाती है, उनके लिए यह एक सहायक घरेलू उपाय माना जाता है.

मुलेठी का उपयोग करना बेहद आसान है. इसके लिए मुलेठी का छोटा सा टुकड़ा लें और उसे मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसें. दिन में एक से दो बार ऐसा किया जा सकता है.ध्यान रखें कि इसे ज्यादा चबाना नहीं है, बल्कि इसका रस धीरे-धीरे गले में जाने देना चाहिए, ताकि गले और सांस की नली को पूरा फायदा मिल सके.

मुलेठी एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका सेवन सोच-समझकर करना जरूरी है. हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को मुलेठी सीमित मात्रा में ही लेनी चाहिए.गर्भवती महिलाओं को नियमित सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होता है, क्योंकि अधिक मात्रा में लेने से शरीर में सूजन या ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना हो सकती है.

अगर सांस फूलने की समस्या ज्यादा गंभीर हो, लंबे समय से बनी हुई हो या अस्थमा, हार्ट या फेफड़ों से जुड़ी बीमारी का संदेह हो, तो डॉक्टर से जांच और सलाह लेना बेहद जरूरी है. घरेलू नुस्खे केवल हल्की समस्याओं में सहायक हो सकते हैं, इलाज का विकल्प नहीं.
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