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Health Tips: प्रकृति में पाए जाने वाले कई पेड़-पौधे मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. इन्हीं औषधीय खजानों में से एक है नीलबड़ी, जिसका फल जामुन की तरह दिखता है और इसमें औषधीय गुणों का भंडार मौजूद है. सीकर में आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र कुमार ने इस चमत्कारी फल के गुणों और लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इन्हीं में से एक पौधा है नीलबड़ी, जो आयुर्वेद में प्राचीन काल से इस्तेमाल होता आ रहा है. इसके फल जामुन जैसे दिखते हैं और इनमें औषधीय गुणों का भंडार होता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि यह पौधा फंगल, मुँह और आँतों के अल्सर, मधुमेह, लीवर की बीमारियों और दर्द जैसी समस्याओं में यह बेहद लाभकारी है.

नीलबड़ी एक झाड़ीदार पौधा है जो ऊपर की ओर फैलता है. इसकी शाखाएं पतली, भूरी और ऊपरी हिस्से में हरी होती हैं. इसकी पत्तियाँ अंडाकार या आयताकार होती हैं जिनकी लंबाई लगभग 3 से 5 सेंटीमीटर और चौड़ाई 2 से 3 सेंटीमीटर तक होती है. फूलों के बाद इसमें छोटे-छोटे नीले-काले रंग के फल लगते हैं जिनका स्वाद हल्का कसैला होता है. इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं.

इसके पत्तों, डंडियों और छाल में दर्द निवारक और घाव भरने वाले गुण मौजूद हैं. यही वजह है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसे दर्द कम करने में उपयोग किया जाता है. वहीं, इसके फल और जड़ों में पाए जाने वाले हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण लीवर की सूजन और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों में कारगर हैं. नीलबड़ी का काढ़ा नियमित रूप से लेने से लीवर के काम करने की गति में सुधार होता है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि यदि किसी को मुँह के छाले या अल्सर की समस्या हो, तो नीलबड़ी की पत्तियों को पानी में उबालकर उससे कुल्ला करने से लाभ होता है. यह मुँह के बैक्टीरिया को खत्म कर जलन और सूजन को दूर करता है. वहीं, इसका रस शहद के साथ मिलाकर लेने से गले का दर्द भी शांत होता है.

इसके अलावा, जिन लोगों को लीवर से संबंधित समस्या है, उनके लिए नीलबड़ी की सूखी पत्तियों और जड़ का काढ़ा बेहद उपयोगी है. इसे रोजाना सुबह खाली पेट एक कप पीने से लीवर की सफाई होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है. साथ ही, यह शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में भी मदद करता है.

नीलबड़ी का इस्तेमाल त्वचा और बालों की देखभाल में भी किया जाता है. इसके ताजे पत्तों का रस नारियल तेल में मिलाकर लगाने से सफेद बाल काले होते हैं और झड़ना कम होता है. दाद या फंगल संक्रमण होने पर इसकी पत्तियों का लेप लगाने से खुजली और जलन दूर होती है. इसे और भी कई घरेलू नुस्खे के रूप में काम में लिया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार नीलबड़ी प्राकृतिक औषधि के रूप में एक कारगर दवा है.
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