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Neem Side Effects: नीम प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके लाभ निर्विवाद हैं, लेकिन अपनी स्वास्थ्य स्थिति और शरीर की प्रकृति को समझते हुए इसका सेवन करना ही बुद्धिमानी है. लेकिन ज्यादा सेवन करने से क्या होता है, जानिए.
Neem Ke Patton ke Nuksan: आयुर्वेद की दुनिया में नीम को औषधियों का खजाना यूं ही नहीं कहा जाता.इसके हरे-भरे पत्ते, कड़वी छाल, रसीले फल और यहां तक कि इसकी टहनियां भी स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं. नीम की पत्तियों में पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण सदियों से विभिन्न बीमारियों के इलाज में उपयोग किए जाते रहे हैं. गांवों में आज भी सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन पेट की समस्याओं और बरसात में पनपने वाले चर्म रोगों से निजात दिलाने का एक कारगर उपाय माना जाता है.
दांतों की मजबूती और सफेदी के लिए नीम की दातुन का प्रयोग भी जगजाहिर है. यह न केवल दांतों को मजबूत बनाती है, बल्कि उन्हें स्वाभाविक रूप से चमकदार भी बनाती है. त्वचा को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखने में भी नीम की पत्तियों का सेवन लाभकारी माना गया है.
हालांकि, कोई भी चीज जब अत्यधिक मात्रा में ली जाती है, तो उसके फायदे नुकसान में बदल सकते हैं. नीम की पत्तियां भी इसका अपवाद नहीं हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा के अनुसार, नीम की पत्तियों का लगातार और अत्यधिक सेवन कुछ विशेष परिस्थितियों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से नीम की पत्तियों का सेवन करने से बचना चाहिए. थोड़ी सी लापरवाही भी उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है. नीम की पत्तियों का गर्भाशय पर संभावित प्रभाव गर्भपात का जोखिम बढ़ा सकता है. डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों को भी नीम की पत्तियों का लगातार सेवन नहीं करना चाहिए.
किन बीमारियों का खतरा बढ़ता है?
इसके अत्यधिक सेवन से ब्लड प्रेशर का स्तर अनियंत्रित रूप से गिर सकता है, जिससे उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. बरसात के मौसम में जहां कई लोग एलर्जी से राहत पाने के लिए नीम का सहारा लेते हैं, वहीं कुछ लोग इसका लगातार सेवन करते रहने से खुजली की समस्या को और अधिक बढ़ा बैठते हैं. आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार, किसी भी औषधि का सेवन एक निश्चित अवधि तक ही करना चाहिए. नीम की पत्तियों के सेवन को भी तीन सप्ताह से अधिक जारी नहीं रखना चाहिए. इसके बाद कुछ समय का अंतराल लेना जरूरी है.
नीम प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके लाभ निर्विवाद हैं, लेकिन अपनी स्वास्थ्य स्थिति और शरीर की प्रकृति को समझते हुए इसका सेवन करना ही बुद्धिमानी है. अत्यधिक सेवन से बचने और उचित अवधि तक ही लाभकारी गुणों का लाभ उठाने से हम नीम के औषधीय गुणों का पूर्ण रूप से और सुरक्षित रूप से आनंद उठा सकते हैं.
Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining Bharat.one she has worked with Re…और पढ़ें
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