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नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 330 तक पहुंचने के बाद हालात बेहद गंभीर हो गए हैं. बढ़ते प्रदूषण ने शहर को रेड जोन में धकेल दिया है और लोगों की सेहत पर खतरा बढ़ता जा रहा है. निर्माण कार्यों में लापरवाही और जिम्मेदार एजेंसियों की सुस्ती स्थिति को और बिगाड़ रही है.
सर्दी बढ़ते ही नोएडा की हवा एक बार फिर लोगों की सांसों पर भारी पड़ने लगी है. देश में सबसे प्रदूषित हवा वाले शहरों में शामिल नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स सोमवार को 330 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. हालात ऐसे हैं कि खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है. उखड़ी सड़कें, धूल उड़ाते निर्माण कार्य और जिम्मेदार एजेंसियों की लापरवाही शहर को लगातार रेड जोन में बनाए हुए है.
शहर के कई सेक्टरों में सड़कें महीनों से खुदी पड़ी हैं. गाड़ियों की आवाजाही के साथ धूल का गुबार हवा में घुल रहा है. दूसरी ओर निर्माण साइट्स पर नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है. पानी का छिड़काव और ग्रीन कवर जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं गायब हैं. बिल्डर्स और ठेकेदार बिना किसी रोकटोक के काम कर रहे हैं, जिसका सीधा असर आसपास रहने वाले लोगों की सेहत पर पड़ रहा है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण को कई बार चेतावनी दी जा चुकी है. सड़क और निर्माण कार्य के दौरान पानी का छिड़काव अनिवार्य है, इसके बावजूद वेंडर्स नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. उखड़ी सड़कों से उड़ती धूल को रोकने के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. करोड़ों रुपये के बजट के बावजूद हालात में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है. ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू होने के बाद भी स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है. नियमों के तहत सीमित शर्तों के साथ निर्माण कार्य की अनुमति है, लेकिन जमीनी स्तर पर पाबंदियों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसका खामियाजा नोएडा के लोगों को जहरीली हवा के रूप में भुगतना पड़ रहा है.
जहरीली हवा के बीच नोएडा के लोग कैसे रहें सुरक्षित
बढ़ते प्रदूषण के बीच खुद की सेहत को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है. बाहर निकलते समय मास्क पहनना आदत में शामिल करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी जरूरी है. सुबह और देर शाम खुले में एक्सरसाइज से बचें. घर में हवा साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर या गीले कपड़े से नियमित सफाई करें. पानी ज्यादा पिएं और इम्युनिटी बढ़ाने वाले फल और सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें. सांस, एलर्जी या अस्थमा के मरीज किसी भी तरह की लापरवाही न करें.
रात में जरूर करें ये 1 चीज
पॉल्यूशन से घर आने के बाद रात में एक काम जरूर करें और वह है स्टीम लेना. दिनभर की जहरीली हवा नाक और सांस की नली में जम जाती है, जिससे खांसी, भारीपन और गले में जलन की समस्या हो सकती है. सोने से पहले 5 से 10 मिनट की स्टीम लेने से नाक साफ होती है और फेफड़ों को राहत मिलती है. यह आसान आदत रात में बेहतर सांस लेने में मदद करती है और शरीर को अंदर से डिटॉक्स करने का काम करती है.
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विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
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