बता दें कि, पैंक्रियाटिक यानी अग्नाशय का कैंसर पेट के निचले हिस्से के पीछे स्थित अंग से शुरू होता है. यह तब होता है जब अग्नाशय की कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन करने लगती हैं. इन कोशिकाओं में होने वाली वृद्धि ट्यूमर बनाने का काम करती हैं, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेता है. अब सवाल है कि आखिर अग्नाशय कैंसर क्या है? धूम्रपान अग्नाशय कैंसर को कैसे बढ़ाता है? कब करानी चाहिए स्क्रीनिंग? जानिए बीमारी के लक्षण-
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अग्नाशय कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें अग्नाशय के ऊतकों में घातक (कैंसरयुक्त) कोशिकाएं बन जाती हैं. अग्नाशय का कैंसर बेहद जानलेवा है. इसका निदान अक्सर देर से होता है और दुनियाभर में 5 साल तक जीवित रहने की दर 20% से कम है. अग्नाशय पेट के पीछे स्थित एक ग्रंथि है जो एंजाइम और हार्मोन का उत्पादन करके पाचन और रक्त शर्करा के नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके सटीक कारण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं. इसके जोखिम कारकों में धूम्रपान, कैंसर का पारिवारिक इतिहास, लम्बे समय से टाइप-2 डायबिटीज और क्रोनिक अग्नाशयशोथ शामिल हैं.

आपको स्क्रीनिंग पर कब विचार करना चाहिए?
अग्नाशय कैंसर के लक्षण
– तेजी से वजन गिरना
– पेट में दर्द होना
– आंखों और स्किन का पीला पड़ जाना
– पेट में द्रव का इकट्ठा होना
– पैरों का लाल और गर्म होना
– सांस लेने में कठिनाई होना
– ब्लड शुगर का कंट्रोल में न रहना

1. एक्सोक्राइन ट्यूमर: एक्सोक्राइन ग्रंथि को प्रभावित करने वाले ज्यादातर ट्यूमर को एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है. ऐसा कैंसर अग्नाशय नलिकाओं में होता है. इस प्रकार के ट्यूमर का इलाज उसकी अवधि पर निर्भर करता है.
अग्नाशय कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाले कारक
– अनहेल्दी खानपान
– सिगरेट, सिगार और तंबाकू का सेवन
– मोटापा भी अधिक जोखिम है.
– अधिक रसायनों का उपयोग करना
– माता-पिता से बच्चे में जीन परिवर्तन होना
– टाइप 2 का मधुमेह भी पैंक्रियाटिक कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-pancreatic-cancer-risk-from-this-common-habit-doctors-call-for-screening-as-cases-rise-know-symptoms-and-cause-ws-kln-9593730.html