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Pillowcases Have More Bacteria Than Toilet Seats | तकिए के कवर में टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया | Health Risks of Sleeping on Dirty Bedding


Last Updated:

Dirty Pillowcases Risks: अगर आप हर सप्ताह अपने तकिए का कवर नहीं धोते हैं, तो उस पर टॉयलेट सीट से भी कई गुना ज्यादा बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं. ये बैक्टीरिया स्किन इंफेक्शन, एलर्जी और सांस की बीमारियों का कारण बन सकते हैं. साफ तकिए का कवर न सिर्फ स्किन हेल्थ, बल्कि अच्छी नींद के लिए भी बेहद जरूरी है.

टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदा है आपका तकिया ! इतने दिनों बाद जरूर धोएं, वरना...तकिए का कवर 7 दिन न धोया जाए, तो उसमें लाखों बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं.

How Often Should You Wash Pillowcases: हमारे आसपास की कई चीजों में बैक्टीरिया की भरमार होती है. सेहत को ठीक रखने के लिए लोग रोज कमरे की साफ-सफाई करते हैं, लेकिन कुछ चीजों को इग्नोर कर देते हैं. इनमें आपके बिस्तर के तकिए (Pillow) भी शामिल होते हैं. तकिए को बार-बार धोना पॉसिबल नहीं होता है, लेकिन उसके कवर को हर सप्ताह जरूर धोना चाहिए. अगर आप तकिए का कवर महीनों से नहीं धो रहे हैं, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि उस पर टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया जमा हो चुके हैं. ये बैक्टीरिया आपकी रातों की नींद हराम कर सकते हैं और आपको बीमार कर सकते हैं.

अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन की रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर तकिए के कवर को एक सप्ताह तक नहीं धोया जाए, तो उसमें टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं. सिर्फ एक सप्ताह में तकिए के कवर पर 17000 गुना ज्यादा बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं. जबकि 4 सप्ताह तक बिस्तर न धोने पर करोड़ों की तादाद में बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं. गंदे तकिए के कवर पर ग्राम-नेगेटिव रॉड्स, ग्राम-पॉजिटिव रॉड्स, बेसिली और ग्राम-पॉजिटिव कॉकी जैसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं. इनमें से कुछ बैक्टीरिया नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन कई बैक्टीरिया स्किन इंफेक्शन या सांस की बीमारियों का कारण बन सकते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार तकिए के कवर पर जमा धूल, पसीना, तेल और डेड स्किन सेल्स बैक्टीरिया के साथ मिलकर आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं. इससे रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और मुंहासे, एक्जिमा या रोजेशिया जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. नमी वाले तकिए पर फंगस भी डेवलप हो सकता है, जिससे रिंगवर्म जैसे संक्रमण हो सकते हैं. गंदे तकिए के कवर में धूल के कण, फफूंद और पालतू जानवरों के बाल जमा हो जाते हैं, जिससे एलर्जी और अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. इससे छींक आना, आंखों से पानी निकलना, सांस लेने में दिक्कत और नाक बंद होना जैसे लक्षण हो सकते हैं. लंबे समय तक ऐसा माहौल रहने पर क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है.

गंदे तकिए के कवर से स्टैफिलोकोकस और स्ट्रेप्टोकोकस जैसे बैक्टीरिया संक्रमण फैल सकते हैं. अगर आपके चेहरे पर कट, पिंपल या घाव हैं, तो ये बैक्टीरिया आसानी से संक्रमण फैला सकते हैं. लंबे समय तक तकिए के कवर न बदलने से हेड लाइस या बेड बग्स जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए तकिए के कवर और बेडशीट को हर हफ्ते धोना चाहिए. गर्म पानी से धुलाई करने पर बैक्टीरिया और फंगस नष्ट हो जाते हैं. साथ ही तकिए को धूप में सुखाने से भी इन परजीवियों का खतरा घटता है. साफ-सुथरा बिस्तर न सिर्फ आपकी त्वचा और सांस की सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि नींद की गुणवत्ता भी बेहतर करता है.

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अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें

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टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदा है आपका तकिया ! इतने दिनों बाद जरूर धोएं, वरना…


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