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Plastic found in ovary: प्लास्टिक अब महिलाओं के अंडाशय में भी घुसने लगा है. इसका भयंकर परिणाम सामने आ सकता है. पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी महिला के अंडाशय में प्लास्टिक के कण पाए गए हैं.

अंडाशय में प्लास्टिक.
Plastic found in ovary: प्लास्टिक हमारे जीवन में रचा बसा है. यह हमारी सुविधा की हर चीज में उपलब्ध है. नन्हीं सी चीज से लेकर हवाई जहाज तक में प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए प्लास्टिक के बिना आज की दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. पिछले दिनों कई ऐसी खबरें आई जिनमें कहा गया कि प्लास्टिक के कण हमारे शरीर के अंदर के कई अंगों में पहुंच रहे हैं. लेकिन अब तक यह महिलाओं के अंडाशय तक में पहुंच गया है. हाल ही एक टेस्ट में पाया गया है कि महिला के अंडाशय में जो फॉलिकुलर फ्लूड होता है उसमें प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण मौजूद थे. ये हैरान करने वाली बात है. किसी महिला के अंडाशय में प्लास्टिक के कण का पाए जाने का मतलब सीधे प्रजनन क्षमता से जुड़ा हुआ है. वैज्ञानिकों को डर है कि इससे महिलाओं में इंफर्टिलिटी आ सकती है.
अंडे के विकास में दिक्कत
इकोटोक्सिकोलॉजी एंड इंनवायरॉनमेंटल सेफ्टी में छपी इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि इटली के सेलेरनो शहर में बच्चा नहीं होने के कारण 18 महिलाओं के अंडाशय के टेस्ट किए जाते थे. इस टेस्ट में 14 महिलाओं के गर्भाशय के फॉलिकुलर फ्लूड में माइक्रोप्लास्टिक निकले.अंडाशय में अंडा बनता है. लेकिन इस अंडे को पोषण और अन्य चीजों की सप्लाई देने के लिए अंडे के चारों ओर फॉलिकुलर फ्लूड तैयार होता है. यह एक तरह से बायोकेमिकल है जो विकसित हो रहे अंडे से सिग्नल का आदान-प्रदान करता है. इसका मतलब है कि अगर इस फ्लूड में प्लास्टिक घुस गया है तो अंडे के पोषण में दिक्कत तय है. इससे सही अडा बनने में दिक्कत होगी ही.
जांच का तरीका बदलेगा
द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉलिकुलर फ्लूड में माइक्रोप्लास्टिक के आ जाने से हार्मोनल बैलेंस भी गड़बड़ हो सकता है और इससे प्रजनन संबंधी कई तरह की दिक्कतें हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ रोम की प्रोफेसर और इस स्टडी की प्रमुख ल्यूगी मोनटानो कहती है कि अभी हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि फॉलिकुलर फ्लूड में माइक्रोप्लास्टिक का प्रजनन स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा. यह किस तरह से महिलाओं की रिप्रोडक्टिव लाइफ को प्रभावित करेगा. इस अध्ययन से एक चेतावनी भी है कि महिलाएं प्लास्टिक के संपर्क में कम से कम रहे. हालांकि यह निश्चित है कि इससे प्रजनन स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. ऐसे में भविष्य में अब इस बात की भी जांच की जाएगी कि महिलाओं के अंडाशय में कहीं माइक्रोप्लास्टिक तो नहीं. इसलिए आगे से महिलाओं की फर्टिलिटी के इलाज में जांच का तरीका बदल जाएगा.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-microplastic-found-in-woman-ovary-how-it-effects-human-body-9190830.html