आजकल फिटनेस और वेट लॉस के ट्रेंड में लोग सिर्फ प्रोटीन पर ही पूरा फोकस करने लगे हैं. जिम जाने वाले हों या डाइट फॉलो करने वाले, हर किसी की जुबान पर प्रोटीन ही प्रोटीन है. लेकिन सिर्फ प्रोटीन ठूसते जाना सेहत के लिए सही नहीं माना जाता. अगर डाइट में फाइबर की कमी हो जाए, तो शरीर में कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रोटीन जितना जरूरी है, उतना ही फाइबर भी शरीर के लिए अहम होता है, वरना आगे चलकर भयंकर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने, टिशू रिपेयर और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करने में मदद करता है. यही वजह है कि लोग प्रोटीन शेक, सप्लीमेंट्स और हाई-प्रोटीन फूड्स का जरूरत से ज्यादा सेवन करने लगे हैं. लेकिन जब डाइट में प्रोटीन ज्यादा और फाइबर कम हो जाता है, तो पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है. फाइबर आंतों को साफ रखने और डाइजेशन को स्मूद बनाने का काम करता है. इसकी कमी से कब्ज, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं.
फाइबर की कमी सिर्फ पाचन तक सीमित नहीं रहती. लंबे समय तक अगर शरीर को पर्याप्त फाइबर न मिले, तो कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. फाइबर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बेहद जरूरी होता है. जब लोग सिर्फ प्रोटीन पर निर्भर हो जाते हैं और फाइबर को नजरअंदाज करते हैं, तो ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है, जो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है.
सिर्फ यही नहीं, फाइबर की कमी से आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी प्रभावित होते हैं. गट हेल्थ खराब होने से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ सकता है और शरीर में सूजन बढ़ सकती है. रिसर्च बताती है कि लंबे समय तक लो-फाइबर डाइट लेने से कोलन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है. यह सुनने में भले डरावना लगे, लेकिन यही वजह है कि न्यूट्रिशनिस्ट बैलेंस्ड डाइट पर जोर देते हैं.
वजन घटाने के मामले में भी फाइबर की भूमिका बेहद अहम होती है. फाइबर से भरपूर भोजन पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती. अगर डाइट में सिर्फ प्रोटीन हो और फाइबर न हो, तो शरीर को तृप्ति का एहसास नहीं मिलता और ओवरईटिंग का खतरा बना रहता है. यही कारण है कि कई लोग हाई-प्रोटीन डाइट लेने के बावजूद वेट लॉस में अटक जाते हैं.
सही डाइट वही मानी जाती है जिसमें प्रोटीन और फाइबर का संतुलन हो. दालें, बीन्स, सब्जियां, फल, साबुत अनाज और नट्स ऐसे फूड्स हैं, जिनमें प्रोटीन और फाइबर दोनों मिलते हैं. अगर आप नॉन-वेज खाते हैं, तो उसके साथ भी सब्जियां और सलाद जरूर शामिल करें. सिर्फ प्रोटीन ठूसने की बजाय बैलेंस्ड प्लेट बनाना ही सेहत और फिटनेस दोनों के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-why-eating-only-protein-is-not-enough-fiber-is-just-as-important-or-you-risk-serious-health-problems-ws-ekl-9973690.html






