जब भी आयरन से भरपूर सब्जियों की बात होती है, तो सबसे पहले पालक का नाम लिया जाता है. हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक को पोषण का पावरहाउस माना जाता है, क्योंकि इसमें आयरन, विटामिन A, C, K, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. लेकिन एक बड़ा सवाल अक्सर लोगों के मन में रहता है कि पालक को कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद है या पका हुआ. कई लोग सलाद और स्मूदी में कच्चा पालक पसंद करते हैं, तो वहीं कुछ लोग पालक की सब्जी, दाल या सूप खाना बेहतर मानते हैं. सच यह है कि पालक को खाने का तरीका ही तय करता है कि आपको उससे कितना आयरन मिलेगा और वह आपके पाचन पर कैसा असर डालेगा.
कच्चा पालक खाना आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है और इसमें विटामिन C की मात्रा अच्छी होती है, जो आयरन के अवशोषण में मदद करता है. यही वजह है कि हेल्थ कॉन्शस लोग कच्चे पालक को सलाद या ग्रीन स्मूदी में शामिल करते हैं. हालांकि कच्चे पालक में ऑक्सेलेट्स नामक तत्व मौजूद होते हैं, जो आयरन और कैल्शियम जैसे मिनरल्स से चिपक जाते हैं. इससे शरीर इन पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता. न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप सिर्फ कच्चे पालक को ही आयरन का मुख्य स्रोत बना लेते हैं, तो आयरन की कमी का खतरा बना रह सकता है. इसलिए कच्चा पालक कभी-कभी खाना ठीक है, लेकिन रोज बड़ी मात्रा में इसका सेवन फायदेमंद नहीं माना जाता.
पके पालक में ज्यादा आयरन
अब बात करते हैं पके हुए पालक की. पालक को पकाने से उसकी न्यूट्रिशन प्रोफाइल में बड़ा बदलाव आता है, खासकर आयरन के मामले में. एक कप कच्चे पालक में लगभग 0.8 मिलीग्राम आयरन होता है, जबकि एक कप पके हुए पालक में करीब 6.4 मिलीग्राम आयरन पाया जाता है. यह अंतर इसलिए होता है क्योंकि पकाने पर पालक का पानी कम हो जाता है और पोषक तत्व सघन हो जाते हैं. यानी कम मात्रा में ही आपको ज्यादा आयरन मिल जाता है. यही कारण है कि आयरन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए पका हुआ पालक ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. पालक को पकाने का एक और बड़ा फायदा यह है कि गर्मी ऑक्सेलेट्स को तोड़ने में मदद करती है. जब ऑक्सेलेट्स कम हो जाते हैं, तो आयरन और कैल्शियम जैसे मिनरल्स शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं. इसका मतलब यह है कि पका हुआ पालक न सिर्फ ज्यादा आयरन देता है, बल्कि शरीर उस आयरन का सही उपयोग भी कर पाता है. यही वजह है कि डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट आयरन बढ़ाने के लिए पालक की सब्जी, सूप या दाल में पालक डालने की सलाह देते हैं.
पका हुआ पालक ज्यादा सुरक्षित
पाचन के लिहाज से भी पका हुआ पालक ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. कच्चा पालक कुछ लोगों में गैस, पेट फूलना या अपच जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है, खासकर अगर उनका पाचन कमजोर हो. पकाने से पालक की पत्तियां नरम हो जाती हैं और फाइबर टूट जाता है, जिससे यह पेट पर हल्का पड़ता है. यही कारण है कि बुजुर्गों, बच्चों और संवेदनशील पाचन वाले लोगों के लिए पका हुआ पालक ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि कच्चा पालक पूरी तरह नुकसानदेह है.
कच्चे पालक के फायदे
कच्चे पालक में मौजूद विटामिन C, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. यह इम्यूनिटी बढ़ाने और स्किन हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन आयरन के नजरिए से देखें, तो कच्चे पालक से मिलने वाला आयरन शरीर को उतना फायदा नहीं पहुंचा पाता, जितना पके हुए पालक से मिलता है. इसलिए दोनों को संतुलन में शामिल करना ही समझदारी है.
कैसे पकाएं पालक?
पालक को पकाते समय भी सही तरीका अपनाना जरूरी है. ज्यादा देर तक उबालने या तेज आंच पर पकाने से इसके विटामिन नष्ट हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, पालक को हल्का स्टीम करना या कम तेल में जल्दी भूनना सबसे अच्छा तरीका है. इससे ऑक्सेलेट्स भी कम होते हैं और पोषक तत्व भी सुरक्षित रहते हैं. पालक को दाल, सब्जी या करी में शामिल करने से न सिर्फ स्वाद बढ़ता है, बल्कि आयरन का अवशोषण भी बेहतर होता है. अगर आप पालक से भरपूर आयरन पाना चाहते हैं, तो उसे विटामिन C से भरपूर चीजों के साथ खाना भी फायदेमंद होता है. जैसे पालक की सब्जी में नींबू का रस डालना या पालक को टमाटर के साथ पकाना. इससे शरीर आयरन को ज्यादा अच्छी तरह से अवशोषित करता है. वहीं पालक के साथ चाय या कॉफी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें मौजूद टैनिन्स आयरन के अब्जॉर्प्शन कम कर सकते हैं.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-spinach-iron-benefits-raw-vs-cooked-know-how-much-you-get-ws-ekl-9973223.html







