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Health Tips: अगर आपकी बत्तीसी सड़ गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं. डॉक्टर द्वारा सुझाए गए ये 5 नुस्खे आपके दांतों की जड़ से सफाई करेंगे और बत्तीसी की समस्या को खत्म करेंगे. नियमित इस्तेमाल से दांत मजबूत होंगे और मुंह की स्वास्थ्य समस्या से राहत मिलेगी.

कैविटी में दांत में छेद कहा जाता है. इससे दांत की ऊपर की परत कमजोर होकर घिस जाती है और उसमें छोटे-छोटे छेद बनने लगते हैं. कैविटी क्यों होती है? मुंह में बैक्टीरिया बढ़ने और दांतों को सही तरह से साफ नहीं करने से प्लाक और टार्टर बनने की वजह से कैविटी होती है.अगर आपके दांत में तेज, चबाने में परेशानी, दांत का रंग काला या भूरा होना, दांत का टूट जाना या गिरना आदि प्रॉब्लम हो रही हैं, तो यह साफ संकेत हैं कि आपके दांत सड़ने लगे हैं यानी कैविटी हो गई है. अगर कैविटी बहुत गहरी हो जाए तो बैक्टीरिया दांत की नस तक पहुंचकर पस यानी इन्फेक्शन बना सकती है.

अगर दांत में कैविटी हो जाए तो सिर्फ फिलिंग या डॉक्टर ही उसका इलाज कर सकते हैं आपको भी ऐसा लगता है? लेकिन हकीकत यह है कि कैविटी की शुरुआत को सही समय पर रोका जा सकता है और दांत को मजबूत किया जा सकता है. कैविटी अचानक से नहीं होती. यह तब शुरू होती है जब दांत की एनामेल से मिनरल्स कम हो जाते हैं. एनामेल असल में एक तरह का क्रिस्टल स्ट्रक्चर है, जिसमें छोटे-छोटे खनिज भरे रहते हैं. जब यह खनिज एसिड की वजह से घुल जाते हैं, तो छोटे-छोटे छेद बनने लगते हैं. ये एसिड खाने-पीने की चीजों से बनते हैं.

कैविटी बनने का सबसे बड़ा कारण है शुगर. मुंह में मौजूद बैक्टीरिया चीनी और स्टार्च को खाकर एसिड बनाते हैं. यही एसिड दांतों की ऊपरी परत को धीरे-धीरे घिसकर कैविटी का कारण बनता है. अगर आप दिनभर बार-बार मीठा, चॉकलेट, बिस्किट या स्नैक खाते रहेंगे तो दांतों पर एसिड का असर लंबे समय तक रहेगा. इसलिए कोशिश करें कि मीठा और स्नैकिंग को कम करें और अगर कभी खाएं तो बाद में ब्रश या माउथवॉश जरूर करें.

दांतों के लिए लार नेचुरल प्रोटेक्शन है. इसमें ऐसे खनिज होते हैं जो दांतों के टूटे-घिसे हिस्सों को दोबारा मजबूत करते हैं. जब मुंह में लार पर्याप्त मात्रा में रहती है तो बैक्टीरिया द्वारा बने एसिड का असर कम हो जाता है और दांत सुरक्षित रहते हैं. मुंह के सूखा होने पर कैविटी तेजी से बढ़ सकती है. इसलिए पानी अधिक पिएं, मुंह को सूखा न रहने दें.अगर आपका मुंह अक्सर सूखा रहता है तो ज़ाइलीटॉल वाली शुगर-फ्री च्यूइंग गम बहुत मददगार होती है. ज़ाइलीटॉल एक नेचुरल शुगर है जिसे बैक्टीरिया पचा नहीं सकते, यानी इससे एसिड नहीं बनता. इसके अलावा, च्यूइंग गम चबाने से लार का स्राव बढ़ता है, जो दांतों को धोकर साफ करता है और उनमें नए मिनरल्स जमा करता है.

कैविटी को रोकना है तो सबसे पहले ध्यान रखे फ्लोराइड वाला हल्का माउथवॉश दांतों के एनामेल पर जल्दी असर करता है. इसे दिन में 2 बार इस्तेमाल करने से दांतों की सतह पर मिनरल्स वापस जमा होने लगते हैं और कैविटी की शुरुआती स्थिति में ही उसे रोका जा सकता है. कैविटी रोकने और दांतों को मजबूत बनाने के लिए सही टूथपेस्ट और माउथवॉश का इस्तेमाल बहुत जरूरी है. खासतौर पर ऐसा माउथवॉश चुनें जिसमें सोडियम फ्लोराइड मौजूद हो.

अगर आपको भी बार-बार खाने की आदत है तो सावधान हो जाए क्योकि कैविटी केवल मीठा खाने से ही नहीं, बल्कि बार-बार खाने से भी होती है. जब आप बार-बार स्नैकिंग करते हैं तो दांतों पर बार-बार एसिड अटैक होता है और लार को दांतों की मरम्मत करने का समय नहीं मिलता. इसलिए जरूरी है कि खाने-पीने के बीच में कम से कम 2 से 3 घंटे का गैप रखें. इस दौरान आपकी लार दांतों पर नेचुरल मिनरल्स जमाकर उन्हें दोबारा मज़बूत करने का काम करती है.
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