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Screen Time and Air Pollution: डॉक्टर्स के मुताबिक बढ़ता हुआ स्क्रीन टाइम और वायु प्रदूषण अब डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी के प्रमुख कारण बन रहे हैं. लंबे समय तक बैठे रहना, एक्सरसाइज की कमी और अनहेल्दी डाइट इंसुलिन को कमजोर कर देती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. वहीं जहरीली हवा में मौजूद पीएम 2.5 जैसे कण ब्लड शुगर बढ़ाने और इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बनते हैं. विशेषज्ञों ने लोगों को इन चीजों से बचने की सलाह दी है.
Screen Time and Diabetes Risk: आजकल हर जगह डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है. अधिकतर काम डिजिटल तरीके से किए जा रहे हैं. इसकी वजह से लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है. ऑफिस में घंटों कंप्यूटर या लैपटॉप देखने से लेकर फोन और टीवी की स्क्रीन लोगों की सेहत पर असर डाल रही है. डॉक्टर्स की मानें तो अब ज्यादा स्क्रीन देखने से डायबिटीज जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है. बच्चों और युवाओं से लेकर बड़े-बुजुर्ग भी जमकर स्क्रीन देख रहे हैं. सभी लोग रोज कई घंटे फोन पर बिता रहे हैं, जिसकी वजह शरीर में शरीर में फैट की मात्रा बढ़ रही है और इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस भी बढ़ रहा है. रेजिस्टेंस के कारण डायबिटीज के भी तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं.
दिल्ली के मॉडल टाउन स्थित यथार्थ हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के HOD और सीनियर डायरेक्टर डॉ. राजीव गुप्ता ने Bharat.one को बताया कि भारत में करीब 90% डायबिटीज के मामले लाइफस्टाइल से जुड़े हैं. लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहना, एक्सरसाइज की कमी और अनहेल्दी डाइट इंसुलिन की क्षमता को कमजोर कर रही है. अब यह असर बच्चों में भी दिख रहा है, जिनमें तीन से चार घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम होने पर मोटापा और इंसुलिन रेसिस्टेंस तेजी से बढ़ रहा है. रोज ओपीडी में आने वाले लगभग 40% मरीज डायबिटिक हैं, जिनकी उम्र 40 से 60 वर्ष के बीच है. इनमें यंग एडल्ट लगभग 5 से 7% हैं और बच्चों की संख्या लगभग 1% है. ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं, क्योंकि भारत में डायबिटीज महामारी बन चुकी है.
पतले लोगों को भी डायबिटीज का खतरा
डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि भारत में अब 25 साल से कम उम्र के युवाओं में भी टाइप-2 डायबिटीज के मामले सामने आ रहे हैं. भारतीयों के शरीर में अंदरूनी चर्बी यानी विसरल फैट जमा होने की आशंका ज्यादा होती है, इसलिए कई लोग पतले दिखते हुए भी डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं. डायबिटीज अक्सर बिना लक्षणों के शरीर को नुकसान पहुंचाती है, इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी है. डायबिटीज को रोका जा सकता है और शुरुआती स्टेज में कंट्रोल किया जा सकता है. इससे बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और अच्छा खानपान जरूरी है. डायबिटीज से बचने के लिए चीनी, मिठाई और जंक फूड अवॉइड करें. हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फाइबर युक्त भोजन करें. रोज 30 से 45 मिनट पैदल चलें या योग करें,लंबे समय तक बैठे न रहें,वजन नियंत्रित रखें,पेट की चर्बी घटाएं, बीएमआई नियंत्रित रखें. रोज कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें. म्यूजिक से मन शांत रखें और स्मोकिंग व शराब से दूर रहें. इसके अलावा समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं.
पॉल्यूशन से भी बढ़ रहा डायबिटीज का रिस्क
यथार्थ हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. अनिल गोंबर ने बताया कि लंबे समय तक वायु प्रदूषण से भी डायबिटीज का खतरा लगभग 22 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. दिल्ली-एनसीआर में वायु-प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है और यह डायबिटीज के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है. सिर्फ एक महीने तक उच्च PM2.5 के संपर्क में रहने से भी ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है. एक साल या उससे अधिक एक्सपोजर से डायबिटीज का जोखिम और ज्यादा बढ़ जाता है. प्रदूषण के कारण वातावरण में मौजूद पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म तत्व शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करते हैं, जिससे इंसुलिन सही ढंग से काम नहीं कर पाता है. लाइफस्टाइल में गिरावट, बढ़ते वजन की समस्या, लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहना और शारीरिक गतिविधि में कमी अब युवाओं को भी डायबिटीज की ओर धकेल रही है.

अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-too-much-screen-time-and-pollution-may-increase-diabetes-risk-doctors-reveal-hidden-causes-ws-n-9840475.html







