Sleep quality issues: आजकल बहुत लोग एक कॉमन प्रॉब्लम का सामना कर रहे हैं. रात में 7 से 8 घंटे की नींद पूरी लेने के बावजूद भी सुबह उठते ही थकान महसूस होती है, शरीर भारी लगता है, दिमाग स्लो चलता है और पूरे दिन एनर्जी लो रहती है. ऑफिस में फोकस नहीं हो पाता, घर के काम करने का मन नहीं करता और बार-बार आंखें बंद होने लगती हैं. कई लोग सोचते हैं कि शायद नींद ठीक से नहीं हुई, लेकिन जब ये प्रॉब्लम रोज होने लगे तो समझ जाना चाहिए कि बॉडी कोई संकेत दे रही है. आजकल सोशल मीडिया पर भी ये टॉपिक काफी ट्रेंड हो रहा है कि पूरी नींद के बाद भी थकान क्यों रहती है और इसका जवाब है कि नींद का पूरा होना और क्वालिटी नींद लेना दोनों अलग बातें हैं. साथ ही लाइफस्टाइल, हेल्थ और हार्मोन्स भी इस थकान में बड़ी भूमिका निभाते हैं. अब समझते हैं कि आखिर ऐसा क्या होता है कि अच्छी नींद लेने के बाद भी थकान खत्म नहीं होती.
1. नींद आती है लेकिन डीप स्लीप नहीं मिलती
कई लोग रात में 7 से 8 घंटे सोते तो हैं लेकिन डीप स्लीप स्टेज में जाने से पहले ही नींद बार-बार टूटती है. असल में हमारे शरीर को असली आराम तभी मिलता है जब डीप स्लीप सही मात्रा में हो. अगर रात में फोन यूज करना, ओवरथिंकिंग, बार-बार करवट बदलना या हल्की-सी आवाज में भी नींद टूट जाना जैसी आदतें हैं, तो नींद पूरी होने के बावजूद भी शरीर फ्रेश महसूस नहीं करता. एक्सपर्ट कहते हैं कि क्वालिटी स्लीप की कमी सबसे बड़ी वजह है.
2. तनाव और ओवरथिंकिंग से दिमाग ओवरलोड होता है
आजकल स्ट्रेस और ओवरथिंकिंग लाइफ का हिस्सा बन गए हैं. चाहे जॉब का प्रेशर हो, फैमिली जिम्मेदारियां हों या फाइनेंस की टेंशन, दिमाग लगातार एक्टिव रहता है. सोते समय भी दिमाग रिलैक्स नहीं होता और पूरा सिस्टम स्ट्रेस मोड में चला जाता है. ऐसे में नींद भले ही 8 घंटे की हो लेकिन बॉडी और ब्रेन को असली आराम नहीं मिलता. नतीजा सुबह उठते ही थकान.

3. विटामिन D या B12 की कमी
विटामिन D और B12 एनर्जी लेवल के लिए बहुत जरूरी हैं. अगर इनमें कमी हो जाए तो बॉडी जल्दी थक जाती है, नींद के बाद भी फ्रेशनेस नहीं मिलती और मसल्स में भारीपन महसूस होता है. कई बार लोग इसे नींद की कमी समझ लेते हैं जबकि असल में ये न्यूट्रिशनल डेफिशियेंसी का संकेत होता है. आजकल ये कमी बहुत आम हो गई है क्योंकि धूप कम मिलती है और डाइट भी बैलेंस्ड नहीं रहती.
4. थायरॉइड का असंतुलन भी बड़ा कारण
थायरॉइड हार्मोन बॉडी की एनर्जी प्रोडक्शन और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है. अगर थायरॉइड स्लो हो जाए यानी हाइपोथायरॉइडिज्म हो, तो नींद सही होने के बाद भी थकान महसूस होती रहती है. सुबह उठते ही शरीर भारी लगता है और दिनभर सुस्ती रहती है. ये एक ऐसा संकेत है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.
5. रात में देर से खाना या हेवी फूड खाना
अगर आप सोने से ठीक पहले खाना खाते हैं या बहुत हेवी डिनर लेते हैं, तो बॉडी नींद के दौरान भी खाने को डाइजेस्ट करने में व्यस्त रहती है. इससे नींद का रिकवरी साइकिल डिस्टर्ब हो जाता है और सुबह उठकर भी थकान महसूस होती है. ये आजकल बहुत लोगों में देखा जा रहा एक आम कारण है.

6. शुगर और कैफीन का ज्यादा सेवन
सोने से कुछ घंटे पहले चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक या शुगर ज्यादा लेने से स्लीप साइकिल खराब हो जाती है. भले ही आप सो जाएं, लेकिन नींद गहरी नहीं होती. इसी वजह से सुबह एनर्जी लो रहती है और शरीर सुस्त महसूस करता है.
7. एनिमिया यानी खून की कमी
अगर खून में हीमोग्लोबिन कम हो तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सिजन नहीं मिल पाती. नतीजा लगातार थकान, चक्कर, कमजोरी और अनफ्रेश फीलिंग. एनिमिया में नींद कितनी भी हो, शरीर में एनर्जी नहीं बनती.
कब समझें कि ये शरीर का संकेत है
अगर ये थकान रोज महसूस होने लगे
शरीर भारी लगे
मूड लो रहने लगे
काम में फोकस न हो
सुबह उठने में दिक्कत हो
तो ये बॉडी का संकेत है कि कुछ ठीक नहीं है. ये सिर्फ नींद वाली प्रॉब्लम नहीं, बल्कि हेल्थ कंडीशन का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है.

थकान दूर करने के लिए एक्सपर्ट के बेस्ट टिप्स
1. नींद का टाइम फिक्स करें
हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत बनाएं. अनियमित नींद स्लीप क्वालिटी को खराब करती है.
2. मॉर्निंग सनलाइट जरूर लें
दिन की शुरुआत थोड़ी धूप से करने से स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन बैलेंस होता है और बॉडी एनर्जी मेंटेन रहती है.
3. फोन और स्क्रीन रात में लिमिट करें
स्क्रीन की ब्लू लाइट नींद की गुणवत्ता खराब करती है. सोने से 1 घंटा पहले स्क्रीन बंद कर दें.
4. बैलेंस्ड डाइट और हाइड्रेशन
विटामिन D, B12, आयरन और प्रोटीन सही मात्रा में लेने से एनर्जी लेवल बेहतर रहते हैं.
5. स्ट्रेस कम करने की आदतें अपनाएं
मेडिटेशन, योग, हल्की वॉक या कोई भी एक्टिविटी जो आपको रिलैक्स करती है, रोज कुछ मिनट करें.
6. अगर थकान लगातार बनी रहे तो टेस्ट कराएं
विटामिन्स, थायरॉइड और हीमोग्लोबिन की जांच से असली वजह पता चल जाती है और समय पर इलाज शुरू हो सकता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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