बता दें कि सूर्य नमस्कार में 12 चरण और 8 मुख्य आसन शामिल होते हैं. इन सभी आसनों का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करना है. खास बात यह है कि इसे किसी भी उम्र के लोग अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं. हालांकि, शुरुआत में इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में सीखना बेहतर होता है.

प्रणामासन (Pranamasana)
– दोनों हथेलियों को जोड़कर छाती के सामने प्रणाम की मुद्रा में खड़े हों.पादहस्तासन (Padahastasana) – सांस छोड़ते हुए धीरे से आगे झुकें और हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें.
दंडासन (Dandasana) – बायां पैर पीछे ले जाकर शरीर को सीधा रखें.
भुजंगासन (Bhujangasana) – सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं, रीढ़ को पीछे की ओर मोड़ें.
अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana) – अब बायां पैर आगे लाएं, सिर ऊपर उठाएं.
हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) – सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और पीछे झुकें.
सूर्य नमस्कार के 8 आसन-
सूर्य नमस्कार में प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, पादहस्तासन, अश्व संचलनासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन और पर्वतासन शामिल होते हैं. ये सभी आसन शरीर के विभिन्न हिस्सों पर काम करते हैं.
शारीरिक फिटनेस: सूर्य नमस्कार करने से पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे वे मजबूत और लचीली बनती हैं.
मानसिक शांति: यह अभ्यास तनाव कम करता है और मन को स्थिर बनाता है.
वजन घटाने में मदद: नियमित अभ्यास से कैलोरी बर्न होती है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है.
पाचन में सुधार: आसनों के दौरान पेट की हल्की मालिश होती है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है.
अभ्यास के टिप्स-
-सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना सबसे अच्छा माना जाता है.
-अभ्यास से पहले हल्का वार्मअप कर लें.
-शुरुआत में 3-4 राउंड करें, फिर धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएं.
अगर आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही अभ्यास करें.
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