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Tonsils Ayurvedic Treatment: मौसम बदलने पर टॉन्सिल्स यानी तुण्डिकेरी की समस्या बढ़ती है. डॉ. शचि श्रीवास्तव ने Bharat.one को आयुर्वेदिक उपाय जैसे तुलसी, अदरक, मुलेठी, त्रिफला चूर्ण बताये हैं.
Tonsils Ayurvedic Treatment: मौसम में बदलाव का क्रम जारी है. गर्मी के बाद बेशक यह मौसम सुहावना लगे, लेकिन सेहत के लिए चुनौती पूर्ण है. क्योंकि, इस दौरान बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. इन बीमारियों की शुरुआत गले से शुरू होती है, फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर कब्जा कर लेती हैं. ऐसी स्थिति में गले में दर्द, सूजन या निगलने में परेशानी जैसी दिक्कतें होने लगती है. इस परेशानी को टॉन्सिल्स यानी तुण्डिकेरी कहा जाता है. ये समस्या होने पर भोजन करना तो दूर पानी पीना तक दुश्वार हो जाता है. अब सवाल है कि आखिर टॉन्सिल्स यानी तुण्डिकेरी क्या है? क्यों होती है ये परेशानी? टॉन्सिल्स यानी तुण्डिकेरी के लक्षण क्या हैं? कैसे करें बचाव? इस बारे में Bharat.one को बता रही हैं राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय लखनऊ की डॉ. शचि श्रीवास्तव-
एक्सपर्ट के मुताबिक, गले के दोनों ओर दो छोटी ग्रंथियां होती हैं जिन्हें टॉन्सिल्स कहा जाता है. ये शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली का हिस्सा हैं और नाक या मुंह से आने वाले कीटाणुओं को रोकने का काम करती हैं. लेकिन जब इन्हीं ग्रंथियों में संक्रमण हो जाए, तो यही हमारी परेशानी की जड़ बन जाती हैं. इससे निजात पाने के लिए लोग महंगे कफ सिरप और दवाइयों का सेवन करते हैं. लेकिन, आपको बता दें कि, आयुर्वेदिक उपाय इस समस्या को दूर कर सकते हैं.
क्यों होती है यह परेशानी?
तुण्डिकेरी कफ और पित्त दोष की असंतुलनता के कारण होती है. जब शरीर में विषैले तत्व (आम) बढ़ जाते हैं और पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, तो गले की ग्रंथियों में सूजन आने लगती है. इससे गले में दर्द, बुखार, निगलने में तकलीफ और कभी-कभी बोलने में भी परेशानी होती है.

टॉन्सिल्स के शुरुआती लक्षण और संकेत
एक्सपर्ट के मुताबिक, टॉन्सिल्स की स्थिति होने पर गले में खराश, तेज दर्द, निगलने में कठिनाई, हल्का बुखार, सिरदर्द और सांस से बदबू आना इसके मुख्य लक्षण हैं. बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है. वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और खाने से इनकार करने लगते हैं.
टॉन्सिल्स के मुख्य कारण
टॉन्सिल्स के आयुर्वेदिक उपचार
- दिन में कई बार गर्म पानी से गरारे करें और गुनगुना पानी पीने की आदत डालें.
- तुलसी, अदरक, मुलेठी और पिप्पली की चाय सुबह-शाम पीने से गले को राहत मिलेगी.
- भोजन हल्का, गर्म और पचने योग्य रखें. बच्चों को आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक से बचाएं.
- गर्म पानी में आधा चम्मच हल्दी और 1 चुटकी सेंधा नमक डालकर 2-3 बार गरारे करें.
- तुलसी की पत्ती और अदरक उबालकर उसमें शहद मिलाकर पीएं. यह गले की सूजन घटाता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है.
- मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर चाटने से खराश और जलन में राहत मिलती है.
- अजवायन, काली मिर्च और हल्दी उबालकर पीने से कफ कम होता है और संक्रमण दूर होता है.
- रात में त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से शरीर से विषैले तत्व निकलते हैं और पाचन सुधरता है.

ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क…और पढ़ें
ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-5-best-ayurvedic-remedies-for-tonsils-gale-me-dard-ki-paresani-kyu-hoti-hain-ws-kln-9773831.html







