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Uric Acid की समस्या वालों के लिए वरदान हैं ये योग आसन, दवाई से ज्यादा कारगर साबित होगा!



आजकल बहुत से लोग उच्च यूरिक एसिड (Hyperuricemia) की समस्या से जूझ रहे हैं, जो जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनता है. यूरिक एसिड शरीर में तब अधिक बनता है जब हम खाने-पीने की कुछ गलत आदतों का पालन करते हैं. यह किडनी की समस्याओं का कारण भी बन सकता है. ऐसे में, योग एक बेहतरीन तरीका है, जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

योग के लाभ: यूरिक एसिड नियंत्रण में सहायक
योग शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद है. यह शरीर के अंदर सेहतमंद बदलाव लाने में मदद करता है. जब आप नियमित योगाभ्यास करते हैं, तो यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और यूरिक एसिड का स्तर कम करने में मदद करता है. यहां हम कुछ प्रभावी योग आसनों के बारे में बताएंगे, जो उच्च यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.

पद्मासन: मानसिक शांति और शरीर की मजबूती
पद्मासन, जिसे “लोटस पोज़” भी कहा जाता है, एक साधारण लेकिन प्रभावी योग आसन है. यह मानसिक शांति प्रदान करता है और शरीर को संतुलित रखता है. पद्मासन से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित होता है. इसे ध्यान की स्थिति में किया जाता है, जिससे तनाव कम होता है और शरीर में से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं.

भुजंगासन: शरीर को लचीलापन और ताकत दें
भुजंगासन, जिसे “कोबरा पोज़” कहा जाता है, पीठ, कंधे और पेट के लिए बहुत फायदेमंद है. यह आसन यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और किडनी की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है. इस आसन को करने से यूरिक एसिड के उच्च स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है.

नौकासन: पेट की मसल्स को मजबूत बनाएं
नौकासन, जिसे “बोट पोज़” भी कहा जाता है, विशेष रूप से पेट और कमर की मसल्स को मजबूत करता है. यह आसन शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है. इसके नियमित अभ्यास से शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया तेज होती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है.

वीरभद्रासन: शरीर में संतुलन और ताकत बढ़ाएं
वीरभद्रासन, जिसे “वॉरियर पोज़” कहा जाता है, शरीर की ताकत और संतुलन को बढ़ाता है. यह आसन खासतौर पर पैरों, कूल्हों और कंधों के लिए फायदेमंद है. इसके अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है और यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. यह आसन तनाव को कम करने और शरीर को लचीला बनाने में भी मदद करता है.

उत्तानासन: शरीर को खींचे और मसल्स को मजबूत बनाएं
उत्तानासन, जिसे “STANDING FORWARD BEND” कहा जाता है, शरीर की मसल्स को खींचने और लचीला बनाने में मदद करता है. यह आसन यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है और पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है. इसके नियमित अभ्यास से यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रण में रहता है और शरीर में ताजगी महसूस होती है.

हलासन: किडनी और यकृत को मजबूत बनाए
हलासन, जिसे “प्लाऊ पोज़” कहा जाता है, किडनी और यकृत के लिए बहुत फायदेमंद है. यह आसन यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. हलासन के नियमित अभ्यास से शरीर के अंगों में ऊर्जा का संचार होता है और शरीर स्वस्थ रहता है.

सर्वांगासन: पूरे शरीर को आराम और मजबूती
सर्वांगासन, जिसे “शोल्डर स्टैंड” भी कहा जाता है, पूरे शरीर को आराम और मजबूती देता है. यह योग आसन यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. इसे करने से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है. इसके अभ्यास से यूरिक एसिड के उच्च स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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