What is varicose veins symptoms and treatment: क्या आपके पैरों की त्वचा पर काली,लाल, हरी सी उभरी हुई नसें दिखाई दे रही हैं? एक ही जगह पर ढेर सारी मोटी-पतली नसों का जाल सा दिखाई दे तो इसे इंग्नोर न करें. यह समस्या नसों के सूजन या वेरिकोज वेन्स (varicose veins) की समस्या हो सकती है. यह आजकल की लाइफस्टाइल में काफी लोगों में नजर आ रही है. समय पर इसका इलाज न कराया जाए, तो समस्या गंभीर भी हो सकती है. पैरों की त्वचा पर जब ये उभरी हुई नीली, टेढ़ी-मेढ़ी नसें दिखाई देती हैं तो अजीब सा लगता है. काफी लोग इसे देखकर भी अनदेखा कर देते है, लेकिन आप जानते हैं कि इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता है? जानिए वेरिकोज वेन्स क्या है, क्यों होता है, लक्षण और इलाज क्या है इस बीमारी का.
क्या है वेरिकोज वेन्स? (What is varicose veins)
शरीर में नसों के ढेरों छोटे-छोटे वॉल्व होते हैं, जो ब्लड को हार्ट की तरह ले जाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. जब ये वॉल्व कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो खून नीचे की ओर जमा होने लगता है, जिससे नसें फूल जाती हैं. इसी स्थिति को वेरिकोज वेन्स कहते हैं.
वेरिकोज वेन्स के कारण (causes of varicose veins)
वेरिकोज वेन्स बीमारी के कई कारण होते हैं, जैसे लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना. वजन अधिक होना, प्रेग्नेंसी के समय हॉर्मोनल बदलाव, फैमिली हिस्ट्री. शरीर में पहले से ब्लड क्लॉट, सूजन होने के कारण भी वेरिकोज वेन्स होने की संभावना बढ़ जाती है. पहले से ब्लड क्लॉट होने के कारण भी नसें स्थायी रूप से कमजोर हो जाती हैं.
वेरिकोज वेन्स के लक्षण (Symptoms of varicose veins)
वेरिकोज वेन्स के लक्षणों में पैरों में भारीपन, दर्द, उभरी हुई नसें, जलन, झनझनाहट, रात में ऐंठन और त्वचा का रंग बदलना आदि शामिल हैं. इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से यह अल्सर या संक्रमण का कारण भी बन सकता है.
वेरिकोज वेन्स से बचाव के आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेद के अनुसार, वेरिकोज वेन्स की समस्या वात दोष के असंतुलन से उत्पन्न होती है. आप आयुर्वेदिक उपाय को आजमा सकते हैं. इसके लिए आप अश्वगंधा और शतावरी का सेवन कर सकते हैं. ये नसों को मजबूत बनाती हैं. ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती हैं. गोटू कोला (मंडूकपर्णी) नसों के लचीलेपन को बढ़ाती है. इसे प्राकृतिक टॉनिक माना गया है. रात के समय रेगुलर त्रिफला चूर्ण के सेवन शरीर के विषैले तत्व निकलते हैं. खून साफ होता है.
आप तेल मालिश, प्रॉपर एक्सरसाइज, हर दिन वॉक करके भी इस समस्या से बचे रह सकते हैं. तेल मालिश के लिए आप हर्बल ऑयल ले सकते हैं. इस समस्या में तेल मालिश बहुत असरदार होती है. तिल का तेल, नारियल तेल या सहचरादि तेल से पैरों की हल्की मालिश करें. सूजन कम होगी. पैरों में रक्त का प्रवाह तेज होगा. लहसुन और नींबू का मिश्रण रक्त को पतला रखता है. थक्के बनने से रोकता है. वहीं, एलोवेरा जेल पैरों पर लगाने से जलन और सूजन में राहत मिल सकती है.
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