क्या आपने महसूस किया है कि ठंड के मौसम में नींद कुछ ज़्यादा ही प्यारी लगती है? इसका कारण सिर्फ ठंड नहीं, बल्कि हमारे शरीर के अंदर चल रही बायोलॉजिकल घड़ी है. आमतौर पर बड़े लोगों के लिए 7 से 9 घंटे की नींद काफी होती है, लेकिन सर्दियों में हमें लगता है कि हमें और सोना चाहिए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और सूरज जल्दी ढल जाता है. जैसे ही अंधेरा बढ़ता है, शरीर में मेलाटोनिन नाम का हार्मोन बनने लगता है, यही हार्मोन हमारी नींद को कंट्रोल करता है.
अब ज़रा रिसर्च की बात करें तो सीएनएन हेल्थ की छपी खबर के अनुसार, जर्मनी के सेंट हेडविग हॉस्पिटल में हुई एक स्टडी में पता चला कि लोग सर्दियों में गर्मियों के मुकाबले करीब एक घंटा ज़्यादा सोते हैं. इतना ही नहीं, उनकी REM नींद — यानी वो गहरी नींद जिसमें हम सपने देखते हैं — भी लगभग 30 मिनट बढ़ जाती है.
डॉ. राज दासगुप्ता(क्लीनिकल मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर, हंटिंगटन मेमोरियल हॉस्पिटल, पासाडेना, कैलिफोर्निया) के मुताबिक, यही REM नींद हमारे मूड, याददाश्त, इम्यून सिस्टम और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता के लिए बेहद जरूरी होती है. इसलिए अगर सर्दियों में नींद थोड़ी ज़्यादा आने लगे, तो घबराने की ज़रूरत नहीं, आपका शरीर खुद को मौसम के हिसाब से एडजस्ट कर रहा होता है.

रोशनी और नींद का रिश्ता
हमारा शरीर दिन और रात के हिसाब से खुद को एडजस्ट करता है, इसे ही बॉडी क्लॉक या सर्केडियन रिद्म कहा जाता है. जब बाहर सूरज की रोशनी होती है, तो हमारा शरीर एक्टिव रहता है, लेकिन जैसे ही अंधेरा होता है, नींद आने लगती है. सर्दियों में दिन छोटे होने और धूप कम मिलने की वजह से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन ज़्यादा बनने लगता है, जो नींद लाने का काम करता है. इसलिए ठंड के दिनों में हमें जल्दी और ज़्यादा नींद आने लगती है.
न्यूयॉर्क के स्लीप एक्सपर्ट डॉ. जोशुआ टाल कहते हैं कि सर्दियों में जब रोशनी कम होती है, तो शरीर गहरी नींद यानी -REM नींद- को थोड़ा बढ़ा देता है, ताकि नींद की क्वालिटी बनी रहे.
सर्दियों में नींद पर असर डालने वाले कारण
कई बार सर्दियों में ज़्यादा नींद आने की वजह सिर्फ मौसम नहीं होती. गर्मियों में हम देर तक बाहर रहते हैं, पार्टियों या सोशल एक्टिविटीज़ में शामिल होते हैं, जिससे हमारी नींद का टाइम बदल जाता है. सर्दियों में जब रातें लंबी होती हैं, तो शरीर को फिर से रूटीन में आने में वक्त लगता है. एक्सपर्ट्स इसे “सोशल जेट लैग” कहते हैं — यानी नींद का समय बिगड़ जाना. इसके अलावा, ठंड के मौसम में त्यौहारों के दौरान ज़्यादा खाना, मिठाई, अल्कोहल और कम वर्कआउट भी नींद और एनर्जी लेवल पर असर डालते हैं. इससे थकान और नींद दोनों बढ़ जाती हैं.
कैसे पाएं सर्दियों में अच्छी नींद-
डॉ. कार्लेआरा वीस के मुताबिक, इंसानों को ठंड में भालू की तरह हाइबरनेशन की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन कुछ छोटे बदलाव करके नींद बेहतर की जा सकती है:
-सुबह की धूप में कुछ समय ज़रूर बिताएं, ताकि शरीर को नैचुरल लाइट मिले.
-हर दिन सोने और उठने का टाइम एक जैसा रखें.
-अगर सुबह धूप नहीं मिल पाती, तो लाइट थेरेपी करें.
-10,000 लक्स वाली लाइट के सामने रोज़ 30 मिनट बैठना बहुत फायदेमंद होता है.
मानसिक सेहत का भी रखें ध्यान–
यूसीएलए की प्रोफेसर डॉ. जेनिफर मार्टिन के अनुसार, अगर ठंड के मौसम में आपको लगातार थकान, उदासी या ज़्यादा नींद महसूस हो रही है, तो यह सीज़नल डिप्रेशन (SAD) का संकेत हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर या मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें.
इस तरह सर्दियों में ज़्यादा नींद आना बिल्कुल सामान्य है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा सोना शरीर की एनर्जी और मूड दोनों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए रोज़ हल्की एक्सरसाइज करें, सुबह की धूप लें और रूटीन को बैलेंस रखें — ताकि नींद भी पूरी हो और दिनभर आप एक्टिव और पॉजिटिव महसूस करें.
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