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Yoga For Digestion : पेट फूलना, गैस या कब्ज़? डाइजेशन दुरुस्त करना है तो रोज़ 10 मिनट करें ये योगासन, मिलेगी शांति


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Yoga For Digestion : अगर आपको अकसर पेट फूलना, गैस बनना, कब्ज़ या एसिडिटी जैसी दिक्कतें होती हैं, तो योग आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. रोज़ सिर्फ 10 मिनट के योग से पाचन तंत्र मजबूत होता है और खाना आसानी से पचने लगता है. खास बात यह है कि ये आसन बहुत आसान हैं और घर पर आराम से किए जा सकते हैं. डॉक्टर भी मानते हैं कि नियमित योग पेट और दिमाग दोनों को आराम देता है, जिससे तनाव कम होता है और digestion खुद-ब-खुद बेहतर होने लगता है.

सबसे पहले बात करते हैं पवनमुक्तासन की. यह गैस, ब्लोटिंग और पेट के भारीपन को कम करने के लिए सबसे असरदार आसनों में से एक है. इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को छाती की तरफ खींच लें. 15–20 सेकंड इसी स्थिति में रहें और सांस को धीरे-धीरे लें-छोड़ें. इसे 2–3 बार दोहराने से पेट की tightness और heaviness काफी कम हो जाती है. जिन लोगों को अक्सर गैस की समस्या रहती है, उनके लिए यह पोज़ बहुत राहत देता है.

दूसरा आसन है वज्रासन, जो खाने के तुरंत बाद किया जा सकता है. यह पाचन से जुड़ी दिक्कतों को कम करने में सबसे सरल और असरदार योग मुद्रा है. घुटनों के बल बैठकर पीठ सीधी रखें और हाथों को जांघों पर रखें. 5–10 मिनट गहरी सांसें लेते हुए इस पोज़ में बैठे रहें. कई लोग खाने के बाद वॉक करते हैं, लेकिन वज्रासन को ‘नेचुरल डाइजेशन बूस्टर’ माना जाता है क्योंकि यह पाचन को बहुत जल्दी एक्टिव कर देता है.

तीसरा है भुजंगासन, जिसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है. यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन प्रक्रिया को स्‍मूथ बनाता है. इसके लिए पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और धीरे-धीरे सिर व छाती को ऊपर उठाएं. यह आसन पेट में गर्माहट पैदा करता है, जो digestion और मेटाबॉलिज्‍म दोनों को तेज़ करता है. जिन्हें रोज़ सुबह पेट साफ़ न होने की समस्या रहती है, उनके लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है.

अब बात करते हैं त्रिकोणासन की. यह आसन शरीर को स्ट्रेच करता है और पेट के आसपास ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, जिससे खाना जल्दी और सही तरीके से पचता है. सीधा खड़े होकर पैरों को फैलाएं और एक हाथ को टखने तक ले जाएं, दूसरा हाथ ऊपर की तरफ सीधा रखें. 10–15 सेकंड तक इस स्थिति में रहें. यह आसन कमर और पेट के लिए भी बेहतरीन माना जाता है, इसलिए मोटापे और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है.

सातवां आसन है उष्ट्रासन, जिसे कैमेल पोज़ कहा जाता है. यह पेट, सीने और रीढ़ की हड्डी को अच्छा स्ट्रेच देता है. घुटनों के बल बैठकर धीरे-धीरे पीछे झुकें और एड़ियों को पकड़ लें. 5–10 सेकंड गहरी सांस लेते हुए इस आसन को पकड़े रखें. इससे पाचन सुधरता है, सांस लेने की क्षमता बढ़ती है और शरीर की पोस्टर भी बेहतर होती है. जिन लोगों को अक्सर अपच, खट्टी डकार या acidity रहती है, उनके लिए यह आसन काफी फायदेमंद है.

इन सभी आसनों का एक बड़ा फायदा यह है कि ये शरीर और दिमाग दोनों को रिलैक्स करते हैं. तनाव पाचन का सबसे बड़ा दुश्मन है, इसलिए जैसे ही दिमाग शांत होता है, पाचन खुद बेहतर हो जाता है. नियमित तौर पर 10–12 मिनट के लिए ये आसन करने से पेट हल्का लगता है, गैस–कब्ज़ कम होती है और metabolism भी दुरुस्त होता है. यानी थोड़ी-सी मेहनत और कुछ मिनट के योग से आपका पूरा पाचन सिस्टम सुधर सकता है.

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Yoga For Digestion : डाइजेशन दुरुस्त करना है तो रोज़ 10 मिनट करें ये योगासन


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