What country leaves babies sleep out in the cold? अस्पताल में बच्चे चोरी होने की, कुंभ के मेले में भाइयों के बिछड़ने की, बच्चे चोरी होने की… ये कहानियां हमारी फिल्मों ने हमें इतनी दिखाई हैं कि नवजात शिशुओं को परिवार हमेशा सतर्क ही रहता है. हर कोई इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि चाहे बच्चा खेल रहा हो या फिर सो रहा हो, अकेला न छोड़ा जाए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश ऐसा भी है, जहां मम्मी-पापा अपने बच्चों को सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सुलाते हैं? हैरानी की बात इसमें ये है कि इन बच्चों को देखने के लिए बुआ-दादी या नानी-मौसी की फौज नहीं होती, बल्कि ये बच्चे सड़कों पर अकेले अपने स्टौलर में सोते हैं. यानी इस देश में अगर किसी पार्क में या सड़क के किनारे आपको किसी छोटे बच्चे की गाड़ी नजर आए, तो इसे लावारिस मत समझिएगा. बल्कि सड़क पर पार्क होती इन सोते हुए बच्चों की गाड़ियां खड़े होना इस देश का रिवाज है.
0 डिग्री या माइनस डिग्री टेंप्रेचर में भी बाहर सोते हैं बच्चे
हम बात कर रहे हैं यूरोप के देश, डेनमार्क की, जहां बच्चों को खुले आकाश के नीचे सुलाया जाता है. डेनमार्क की राजधानी कोपेहेगन में आपको सड़कों के किनारे ऐसे कई स्टौलर मिल जाएंगे, जिनमें छोटे-छोटै बच्चे सो रहे हैं. इस देश में ये अनोखी परंपरा कई लोगों को चौंका देती है, क्योंकि आप बच्चों को ऐसे अकेले छोड़ने के बारे में कहीं और सोच भी नहीं सकते. दिलचस्प है कि कोपेहेगन में 0 या माइनस डिग्री टेंप्रेचर में भी बच्चों को खुले में इन स्टौलरों में सुलाया जाता है.
बच्चों के ऐसे स्टौलर आप शहर में कहीं भी देख सकते हैं. (Photo- copenhagenexplore/Instagram)
ये नजारा बाहर के देशों से आने वाले लोगों के लिए और भी दिलचस्प हो जाता है, क्योंकि इन बच्चों के मम्मी-पापा इस समय का इस्तेमाल अपनी रोमांटिक डेट्स के तौर पर करते हैं. इन बच्चों के मम्मी-पापा आपको किसी कैफे में अपनी कॉफी इंजॉय करते नजर आ जाएंगे.
यहां बच्चों को ताजी हवा में सोने देने के लिए बाहर सुलाया जाता है. (Photo- copenhagenexplore/Instagram)
क्यों बाहर छोड़ दिए जाते हैं बच्चे?
डेनमार्क में छोटे बच्चों को स्टौलर में लंच के बाद सोने के लिए बाहर छोड़ दिया जाता है. हालांकि जहां हमारे लिए ये आश्चर्य की बात है, वहीं वहां ये कल्चर बड़ा आम है. दरअसल डेनमार्क में 3 साल तक के बच्चों को खुली हवा में सुलाने की प्रथा बहुत पुरानी है. वहां ये माना जाता है कि छोटे बच्चों के लिए ताजी खुली हवा बहुत जरूरी है. इससे वह कई सारे इनफेक्शंस से भी बच सकते हैं. इतना ही नहीं मिडवाइव्स और बेबी नर्स भी बच्चों के लिए इसे सजेस्ट करती हैं. बच्चों को सुलाने के लिए इन स्टौलरों में कंबल रखे जाते हैं, ताकि उन्हें ठंड न लगे. साथ ही क्योंकि ये परंपरा का एक हिस्सा है तो यहां बच्चों के चोरी होने या किडनैप होने का डर नहीं है. हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से माता-पिता इन गाड़ियों में बेबी मॉनीटर लगाकर रखते हैं.
FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 18:12 IST
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