Sunday, December 8, 2024
23 C
Surat

यूपी में यहां है बेहद सुंदर जगहें, परिवार के साथ घूमने के लिए बेस्ट, देखते ही कहेंगे ‘वाह’


इटावा/रजत कुमार: उत्तराखंड और राजस्थान के अलावा भी भारत में घूमने-फिरने की बहुत-सी जगहें हैं. महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़े उत्तर प्रदेश के इटावा जिले को ऐतिहासिक श्रेणी में शुमार किया जाता है. इसी वजह से इटावा में कई ऐसे स्थान हैं, जिनको निहारे बिना पर्यटक रह नहीं सकते है. आइए जानते हैं इन जगहों की खासियत.

1. भारेश्वर मंदिर
इटावा मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूरी पर चकरनगर तहसील के अंतर्गत थाना भरेह क्षेत्र में पचनद के किनारे घनघोर जंगलों में स्थापित शिव जी का मंदिर है. इस समय चर्चाओं में बना हुआ है. इस मंदिर पर सावन माह में बड़ी भीड़ देखी जा सकती है. बड़ी संख्या में युवा इस मंदिर में पहुंचते हैं. शिव जी का यह मंदिर बहुत ऐतिहासिक मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पांडव महाभारत कालीन में पांडवों में भीम ने शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी और इसको स्थापित किया था.

2. लायन सफारी पार्क
इटावा जनपद समाजवादियों का गढ़ माना जाता है. सपा के मुखिया मुलायम सिंह ने अन्य राज्यों की तरह से इटावा में लायन सफारी बनाने का सपना देखा, तो उसी को पूरा करने के लिए अखिलेश ने सफारी पार्क का निर्माण कराया.  इस सफारी पार्क में शेरों के प्रजनन केन्द्र के साथ-साथ पर्यटकों को के लिए कई खास चीजें हैं.

3. कालिका देवी मंदिर
इटावा जिले के लखना में स्थित कालिका देवी का मंदिर सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल माना जाता है. इस मंदिर में जहां देवी मां की पूजा होती है, तो वहीं मजार पर मुस्लिम वर्ग के लोग चादर चढ़ाने पहुंचते है. विशेष बात यह है कि इस मंदिर में नवरात्रों पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मो के लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. मंदिर के अन्दर मां की चुनरी के साथ-साथ मजार पर चादर चढाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि जब तक देवी मां मूर्ति पर पूजा और मजार पर चादर नहीं चढ़ाई जाती है, तब तक किसी भी श्रद्धालु की मनोकामना पूरी नहीं होती.

4. पचनद: पांच नदियों का संगम
पचनद ऐसा स्थान जहां पर पांच नदियां मिलकर एक साथ होती हैं. इस स्थान पर चंबल, क्वारी, यमुना, सिंधु और पहुज नदी मिली हुई हैं. तभी इस जगह को पचनद कहा जाता है. यह उत्तर प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पांच नदियों का मिलन होता है. यह धार्मिक मान्यताओं से बहुत ही परिपूर्ण और अलौकिक स्थान माना जाता है. इस स्थान की ऐतिहासिक कहानियां बहुत हैं. इटावा से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर यह प्राचीन स्थान है.

5. विक्टोरिया हॉल
आजादी पूर्व इटावा के डीएम रहे ए.यू.हयूम के दौर में इसका निर्माण हुआ है. यहीं से आजादी का बिगुल फूंका गया. महारानी विक्टोरिया के नाम पर जिले के रजवाड़ा व धनाढ्य घरानों ने शहर के पक्का तालाब के किनारे विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण कराया .


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/travel-up-etawah-famous-tourist-places-bhareshwar-mandir-kalika-devi-temple-8536733.html

Hot this week

benefits gucchi mushroom rare expensive vegetable himalayan medicine food sa – Bharat.one हिंदी

03 औषधीय गुणों से भरपूर: डॉ. अनिल कुमार...

Topics

benefits gucchi mushroom rare expensive vegetable himalayan medicine food sa – Bharat.one हिंदी

03 औषधीय गुणों से भरपूर: डॉ. अनिल कुमार...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img