प्रयागराज: आस्था की नगरी प्रयागराज में स्थित संगम हजारों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्रदान करता है. यहां प्रत्येक दिन हजारों श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाकर अपने ऊपर चल रहे दोष को मिटाने का काम करते हैं. ऐसे में यहां आने वाली अधिकतर श्रद्धालु नव की सवारी करते हुए गंगा जमुना के मुख्य संगम पर पहुंचते हैं.
यहां तक पहुंचाने के लिए उनको या तो नाव की बुकिंग करनी पड़ती है या नियमित प्रति व्यक्ति किराए से जाना होता है. आप भी पहली बार प्रयागराज संगम आ रहे हैं और नाव की सवारी करते हुए संगम में डुबकी लगाना चाह रहे हैं, तो यहां पर चलने वाली नाव की रेट को जान ले नहीं तो आप यहां के नविकों के मनमानी के शिकार हो सकते हैं.
इतना है नाव का किराया
वैसे तो वाराणसी एवं अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को वोट की सुविधा उपलब्ध होती है, जिसमें वह बैठकर आराम से नदी में सैर सपाटा कर सकते हैं, लेकिन प्रयागराज संगम में आपके हाथ से नाव चलाते हुए नाविक दिख जाएंगे, जो संगम तक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत करते हैं. ऐसे में इनका किराया भी मदर बोर्ड की अपेक्षा अलग होता है.
प्रयागराज में किला घाट से लेकर मुख्य संगम तक की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर की है. यहां तक पहुंचाने के लिए नाविक प्रति व्यक्ति किराया 60 रुपए लेते हैं, जो सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया है. खास बात यह है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इसकी जानकारी न होने की वजह से वह ठगी के शिकार भी हो सकते हैं. वहीं, नाव बुकिंग करने का किराया 2000 रुपए है.
बिना इसके न करें नाव की सवारी
आप प्रयागराज संगम पर स्नान करने आ रहे हैं और नाव पर बैठना चाह रहे हैं तो बैठने से पहले अपनी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें. यहां प्रत्येक नविको के पास लाइव जैकेट होती है, जो व्यक्ति को नदी में डूबने से बचाती है. एक लाइफ जैकेट एक व्यक्ति को 24 घंटे तक जल के ऊपर टायर आ सकता है.
जल पुलिस लगा सकती है जुर्माना
इसीलिए जब भी प्रयागराज आ रहे हो तो नाव की सवारी करते समय नविकों से लाइव जैकेट ले लें. खास बात यह है कि अगर आप लाइव जैकेट नहीं पहने रहेंगे तो जल पुलिस के द्वारा आप पर जुर्माना लगा दिया जाता है.
FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 14:46 IST
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